आज कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा “बकरी पालन उद्यमिता विकास” पर दिनांक 25 सितम्बर से 20 अक्तूबर 2023 तक चल रहे इक्कीस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक, डॉ. त्रिवेणी दत्त के निर्देशन एवम डॉ. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) मार्गदर्शन मे किया गया। कार्यक्रम मे डॉ. हंस राम मीणा ने अपने सम्बोधन मे उदाहरण देकर बताया की किस प्रकार बकरी उद्यम युवाओं के लिए स्वरोजगार का साधन बना है और ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण मे भी अहम भूमिका अदा कर रहा है। इस अवसर पर उन्होने प्रतिभागियों की प्रतिकृया प्राप्त कर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए और आगे भी तकनीकी जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की सलाह दी। इक्कीस दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बकरी की विभिन्न नस्लों, आवास प्रबंधन, प्रजनन प्रबंधन, वर्ष भर हारा चारा उत्पादन, पोषण प्रबंधन, पोषण से जुड़ी समस्याएं एवं निदान, मुख्य जीवाणु तथा विषाणु जनित रोगो का नियंत्रण, आंतरिक एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण, बकरी मे प्रजनन की समस्या तथा निदान, बकरी फार्म का दैनिक प्रबंधन, माँस उत्पादन एवं प्रसंस्करण, बकरी सह मतस्य पालन तथा बकरी पालन से प्रोत्साहन हेतु सरकारी योजनाओ के बारे मे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों; भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के विभिन्न विभागो से वैज्ञानिकों; पशु चिकित्सा अधिकारी एवं नाबार्ड के अधिकारिगण ने व्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की । कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फार्म मे बकरी सह मतस्य इकाई पर बकरी मे आयु का निर्धारण, पहचान चिन्ह लगाना/टैगिंग, चारा उत्पादन, बधियाकरण, डिपिंग, टीकाकरण, खुर को काटने की विधि, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, वर्मीकम्पोस्ट, आदि से जुड़ी जरूरी व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के बकरी फार्म, दूध प्रसंस्करण इकाई, चारा उत्पादन फार्म, कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र एवं पंतनगर कृषि मेले मे भ्रमण कर बकरी उद्यम मे नवाचार एवं उचित प्रबंधन के महत्व को समझाया गया। इस कार्यक्रम मे उत्तर प्रदेश के बरेली, पिलभित एवं रामपुर जनपद से कुल 20 प्रतिभागियों (18 पुरुष एवं 02 महिला) ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की। अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र
कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली द्वारा पीएम किसान फ्लैगशिप कार्यक्रम 2023 के तहत 15वीं किस्त जारी करने पर माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भाषण का वेबकास्ट दिखाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन आईसीएआर-आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त; डॉ. रूपसी तिवारी, जेडीईई (प्रसार शिक्षा) और डॉ. एच. आर. मीना, प्रमुख, प्रसार शिक्षा विभाग /प्रभारी केवीके के सहयोग और मार्गदर्शन से किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ श्री. आर.एल. सागर ने किसानों का स्वागत किया और केवीके की गतिविधियों और किसान कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को वेबकास्ट देखने और माननीय प्रधान मंत्री को सुनने और देश के लिए काम करने के लिए प्रेरणा लेने की सलाह दी। वेबकास्ट में माननीय प्रधान मंत्री ने किसानों को संबोधित किया और बताया कि भारत सरकार ने प्रत्येक नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाने की योजना बनाई है। इस संबंध में, भारत सरकार दिनांक 15 नवंबर 2023 से 26 जनवरी 2024 तक देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचने हेतु "विकसित भारत संकल्प यात्रा" का आयोजन कर रही है। इस अवसर पर, माननीय प्रधान मंत्री ने यात्रा का उद्घाटन किया और 18000/- करोड़ रुपये से अधिक की 15वीं किस्त 8 करोड़ किसानों के लिए जारी की। इस कार्यक्रम के अलावा, केवीके द्वारा किसानों को 100 टमाटर के पौधे और 200 फूलगोभी के पौधे भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में कुल 50 किसानों और विस्तार कार्यकर्ताओं (23 महिलाओं सहित) ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 95वे स्थापना दिवस पर कृषि प्रौद्योगिकियों प्रदर्शन का आयोजन आज दिनांक १६ जुलाई २०२३ को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 95 वे स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, आई.वी.आरआई द्वारा किसान गोष्ठी एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. बी. पी. सिंह ने अपने संबोधन मे कृषको को भारतीय कृषि में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का अथक योगदान है इसके द्वारा कृषको के लिए कई कृषि तकनीक विकसित की हैं। जिनकों अपनाकर किसान अपने खेतो की उत्पादकता और आय को बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने किसानों के खेत में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण हेतु फसल विज्ञान, बागवानी विज्ञान, पशु विज्ञान, मत्स्य विज्ञान और गृह विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। किसानों ने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की और कृषि और कृषि से संबन्धित विभिन्न विषयो उपलब्ध नवीनतम तकनीकयों पर चर्चा की। कार्यक्रम में श्री. रंजीत सिंह ने सब्जी और फलों की फसल से संबंधित विभिन्न उत्पादन प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की। श्री. आर.एल. सागर ने किसानों को मशीनीकरण के साथ-साथ अपशिष्ट डीकंपोजर के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपलब्ध विभिन्न तकनीकों के बारे में सलाह दी। श्रीमती वाणी यादव ने बताया कि किसान प्राकृतिक खेती की तकनीक अपनाकर कृषि लागत में कमी लाकर अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। समापन सत्र में डॉ. बी.पी. सिंह ने किसानों को कृषि और कृषि से संबन्धित प्रौद्योगिकीयों पर नवीनतम जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों से परामर्श लेने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में कृषको ने माननीय मंत्री कृषि एवं किसान कल्याण विभाग आदरणीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी. का संबोधन भी सुना। इस कार्यक्रम में कुल 24 किसानों और कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की।
दिनांक 19 जून 2023 को कृषि विज्ञान केंद्र बरेली के सभागार में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड लखनऊ द्वारा प्रायोजित का आयोजन किया गया Iइस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. बृजपाल सिंह द्वारा के गई , आपने जनपद में बरेली में संचालित जिला उद्यान विभाग एवं बागवानी मिशन विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की तारीफ की। इन योजनाओं की सफलता के लिए आपने जिला उद्यान अधिकारी श्री पुनीत पाठक के कार्यों की सराहना की। आपने कृषकों का आह्वान किया कि वह अपना सिविल सही बनाए रखें जिससे उनको बैंक से ऋण लेने में कोई समस्या न आए। आपने कहा कि छोटे किसान केवल एक दो फसलों पर आश्रित ना रहे वह कृषि पशुपालन के विभिन्न उद्यम को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि करते रहे। श्रीरंजीत सिंह ने बागवानी फसलों जैसे आम, अमरूद की खेती, केले के उत्पाद बनाना, फूलों की खेती संरक्षित खेती विषय के बारे में कृषकों को जानकारी दी। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उप-निदेशक श्री आई.एम.सहाय, बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के बारे में एवं सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के बारे में विस्तार से बताया। जिला उद्यान अधिकारी, श्री पुनीत पाठक ने जिले में संचालित विभिन्न बागवानी एवं आयुष मिशन योजनाओं के बारे में जानकारी दी । जनपद के लीड बैंक मेनेजर ,. ने किसानों को बैंकों से ऋण लेने में आने वाली समस्याओं के निराकरण के बारे में बताया एवं ऋण वापसी के तरीके बताएं। श्री अमित, चीफ मैनेजर पी.एन.बी. ने किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम, बैंकों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओ के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के अंत में मोहम्मद कमर मलिक व श्री उपेंद्र पटेल ने प्रश्न पूछे, जिनका संबंधित अधिकारियों ने जवाब दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री संजीव चांदना प्रगतिशील कृषक द्वारा किया गया। कार्यक्रम में 98 कृषक एवं तीन महिलाओ द्वारा सहभागिता के गई
आज दिनांक ५ जून २०२३ को कृषि विज्ञान केंद्र आई.वी.आर.आई. बरेली द्वारा “विश्व पर्यावरण दिवस” के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार मे कृषको एवं कृषक महिलाओं हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम डॉ. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) आईवीआरआई की अध्यक्षता मे हुआ। कार्यक्रम के आरंभ मे डॉ. बी. पी. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली ने सभी का स्वागत कर पर्यावरण दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि पर्यावरण मे प्रदूषण के दुष्प्रभाव से कैसे कृषि उत्पादन एवं पशु का स्वस्थ्य एवं उत्पादन प्रभावित हो रहा है और हम किस तरह अपने पर्यावरण को स्वस्थ एवं संरक्षित बना सकते हैं। कार्यक्रम मे आगे श्री आर एल सागर ने पर्यावरण का जीव जंतुओ एवं फसलों पर प्रभाव, जल संरक्षण व विभिन्न फसलों में सामयिक कार्यो के बारे में बताया। श्री रंजीत सिंह ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बागवानी फसलों के उत्पादन एवं रखरखाव के बारे में बताया। श्रीमती वाणी यादव ने मृदा स्वास्थ्य के बारे में एवं प्राकृतिक एवं जैविक खेती का पर्यावरण से संबंध पर प्रकाश डाला। डॉ. शार्दूल विक्रम लाल ने पर्यावरण का पशुओं के स्वास्थ्य एवं उत्पादन पर प्रभाव पर चर्चा की। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. रूपसी तिवारी ने सभी कृषको का आवाहन किया कि पर्यावरण के विभिन्न घटक जैसे जल, वायु, भूमि, जीव जन्तु आदि का संरक्षण करना है। आपने मेरी लाइफ कार्यक्रम के संबंध में कहा कि विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि से ही प्रदूषण हो रहा है। पृथ्वी पर जल की अत्यंत कमी है। सभी जीव जंतु व्याकुल हो रहे। सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षो का रोपण करें। आपने महिलाओं के लिए कहा कि गांव में रहकर अनेक कृषि व्यावसायिक कार्य है उनको सीखकर रोजगार प्राप्त करे।कार्यक्रम के अंत में सभी कृषकों को विभिन्न प्रकार के वृक्षों के पौध वितरण एवं संस्थान परिसर में वृक्षारोपण का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे 81 कृषको ने, 63 महिला सहित , सहभागिता दर्ज की।
कृषि विज्ञान केन्द्र -भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर , बरेली द्वारा दिनांक २९ मार्च २०२३ को संस्थान निदेशक ने डा. त्रिवेणी दत्त जी के अध्यक्षता में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया, उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों का प्रक्षेत्र में भी प्रदर्शन होगा । इसके साथ ही उन्होंने कहा की कृषकों को दिये जाने वाले परीक्षण एवं प्रदर्शन हेतु इनपुट्स का वितरण भी कृषकों के खेत एवं उनके गांवों में ही दिया जाये , जिसमे जनपद के लाइन डवलपमेंट का भी सहयोग लिया जायेगा । साथ ही नाबार्ड, एफपीओ तथा आत्मा परियोजना के सदस्यों को साथ लेकर किसानों की आय दुगनी करने, उनकी जीवीकोपार्जन की स्थिति सुधारने का कार्य भी निरंतरता से किया जायेगा। संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने आगे बताया कि आईवीआरआई द्वारा प्रगतिशील किसान जो कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर उधम स्थापित कर सफल हुये हैं , वे किसान अपनी प्रगति को जनपद के अन्य किसानों को प्रेरित करने के लिए प्रसार-प्रचार करेंगे ताकि जनपद के कृषकों की आय बढ़ायी जा सके। उन्होंने कहा कि इस वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का लक्ष्य किसानों की खेती में सुधार लाना तथा किसानों को वैज्ञानिक कृषि की ओर प्रेरित करना है। कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डा. बी.पी. सिंह ने समीक्षा बैठक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि इस समीक्षा का उदेश्य जनपद में कृषि विकास हेतु कृषि तकनीक आधारित विकास करना तथा कार्य योजना बनाना एवं प्रौद्योगिकी/उत्पादों का मूल्यांकन,उनका सुधार एवं प्रदर्शन करना तथा कृषको, युवओ एवं महिलाओ में क्षमता विकास करना है। इसके अतिरिक्त प्रसार कर्मियों का प्रशिक्षण एवं उनका कौशल विकास तथा विभिन्न सूचना तंत्रों के माध्यम से उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी हेतु जागरूकता फैलाना तथा जनपद स्तर पर कृषि प्रौद्योगिकियों एक ससांधन केन्द्र के रूप में कार्य करना है। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों का ब्यौरा रखा तथा आने वाले वर्ष की कार्य योजना एवं लक्ष्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र आगामी वर्ष में किसानों एवं पशुपालकों के लिए फसल उत्पादन, एकीकृत फसल प्रबन्धन, मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता प्रबन्धन, उत्पादन एवं प्रबन्धन तकनीकें, प्रसंस्करण एवं मूल्य सम्बर्न्धन, एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन, पशुधन उत्पादन एवं प्रबन्धन, डेयरी प्रबन्धन, सूकर प्रबन्धन, पशु बीमारी प्रबन्धन, आहार प्रबन्धन, गृह विज्ञान/ महिला सशक्तिकरण, मत्स्य पालन, सब्जियों की संरक्षित खेती, भेड़ एवं बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बागवानी फसलों में नर्सरी व्यवसाय, प्राकृतिक खेती , मिलेट्स / श्रीअन्न को लोकप्रिय करने के लिए पर प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित करेगा। वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में सलाहकार समिति के सदस्यों जिसमे जिला कृषि अधिकारी श्री धीरेन्द्र कुमार चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी श्री पुनीत पाठक, सहायक निदेशक मत्स्य पालन, नाबार्ड मेनेजर श्री धेर्में द्र कुमार मिश्र, लीड डिस्ट्रिक्ट मेनेजर के. सुषमा, सहायक निदेशक मृदा परीक्षण, कृषि विज्ञान केंद्र रामपुर के अध्यक्ष डॉ फैज़ मोहसिन, संस्थान के संयुक निदेशक डॉ संजय सिंह , डॉ के. पी. सिंह, विभाग अध्यक्ष, इफ्फ्को, कृभको एवं राष्ट्रिय बीज निगम के अधिकारियो तथा जनपद के कृषक महिलाओ एवं कृषकों ने भी कृषि विज्ञानं केंद्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक में सहभागिता दर्ज कर कार्य योजना में अपना योगदान दिया ।
कृषि विज्ञान केंद्र - भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगरबरेली द्वारा पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन प्रशिक्षणकार्यक्रमका आयोजन किया गयाहै। इस प्रशिक्षण में बरेली जिले के विभिन्न विकास खंडोंसे 25 किसानों ने भाग लिया, इस दौरान उन्हें फसल अवशेषों को जलाने से भूमि,पोषक तत्वों,पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुषप्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान की गईइसके पश्चात इन अवशेषों को यदि हम अपनीभूमि में यथा स्थान परइन्हें वेस्ट डी कंपोजर द्वारा कम समय में सड़ा कर एवं उपयुक्त कृषि यंत्रों की सहायता से इन अवशेषों को यदि भूमि में मिलाया जाता है तोहमारी की भूमि की संरचना में सुधार केसाथ साथ एवंउसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में किस प्रकार सहायक होते है के वारे विस्तारसे जानकारी दी गई।इसकेअलावा हम इन अवशेषों कोविभिन्नउपयोगोमेंजैसेपशुओं के लिए शुष्क चारे के रूप में, कंपोस्ट खाद बनाने, मशरूम उत्पादन,बिजली संयंत्रकेईंधन, पेपर व गत्तातथा बायोएथेनॉलउत्पादन हेतु उद्योगों को आपूर्ति कर सकते हैं जिससे यह एक अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकता है।कृषिफार्म प्रक्षेत्रमें कृषियंत्रों जैसे आर एम बी प्लाऊपरप्रशिक्षार्थियोंको प्रायोगिक प्रदर्शन भी दिया गया।प्रशिक्षण के दौरानसभी प्रशिक्षार्थियो को जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेले मे विभिन्न फर्मों द्वारा लगाए गए कृषि यंत्रों की स्टालों का भ्रमण करा कर जानकारी प्रदान की गई।
कृषि विज्ञान केंद्र - भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगरबरेली द्वारा पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन प्रशिक्षणकार्यक्रमका आयोजन किया गयाहै। इस प्रशिक्षण में बरेली जिले के विभिन्न विकास खंडोंसे 25 किसानों ने भाग लिया, इस दौरान उन्हें फसल अवशेषों को जलाने से भूमि,पोषक तत्वों,पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुषप्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान की गईइसके पश्चात इन अवशेषों को यदि हम अपनीभूमि में यथा स्थान परइन्हें वेस्ट डी कंपोजर द्वारा कम समय में सड़ा कर एवं उपयुक्त कृषि यंत्रों की सहायता से इन अवशेषों को यदि भूमि में मिलाया जाता है तोहमारी की भूमि की संरचना में सुधार केसाथ साथ एवंउसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में किस प्रकार सहायक होते है के वारे विस्तारसे जानकारी दी गई।इसकेअलावा हम इन अवशेषों कोविभिन्नउपयोगोमेंजैसेपशुओं के लिए शुष्क चारे के रूप में, कंपोस्ट खाद बनाने, मशरूम उत्पादन,बिजली संयंत्रकेईंधन, पेपर व गत्तातथा बायोएथेनॉलउत्पादन हेतु उद्योगों को आपूर्ति कर सकते हैं जिससे यह एक अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकता है।कृषिफार्म प्रक्षेत्रमें कृषियंत्रों जैसे आर एम बी प्लाऊपरप्रशिक्षार्थियोंको प्रायोगिक प्रदर्शन भी दिया गया।प्रशिक्षण के दौरानसभी प्रशिक्षार्थियो को जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेले मे विभिन्न फर्मों द्वारा लगाए गए कृषि यंत्रों की स्टालों का भ्रमण करा कर जानकारी प्रदान की गई।
कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान , इज्जतनगर द्वारा हरदुआ, नवाबगंज मे “खेत मे ही फसल अवशेष प्रबंधन” परियोजना के अंतर्गत दिनांक १२ मार्च २०२३ को संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त की अध्यक्षता में एक दिवसीय किसान मेला एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री संतोष गंगवार जी, सांसद, बरेली; विशिष्ठ अतिथि माननीय डॉ. एम पी आर्य जी, विधायक, नवाबगंज; माननीया श्रीमती प्रज्ञा गंगवार जी, ब्लॉक प्रमुख, नवाबगंज; माननीया श्रीमती रश्मि गंगवार जी, ब्लॉक प्रमुख, भदपुरा थे । माननीय सांसद श्री संतोष गंगवार जी ने गौ पूजन कर कार्यक्रम का उद्धघाटन किया और कृषको को खेतो मे ही फसल अवशेष प्रबंधन के महत्व के प्रति जागरूक किया। इस अवसर पर उन्होने फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र मे उत्कृष्ठ कार्य करने वाले सफल कृषको को भी पुरस्कृत कर सम्मानित किया और आगे भी कृषिसबंधी नवाचार की जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की सलाह दी तथा कृषि विज्ञान केंद्र को अधिक से अधिक कृषकों के जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजन करने के लिए आहवान किया । विशिष्ठ अतिथि माननीय डॉ. एम पी आर्य जी, विधायक, नवाबगंज द्वारा कृषकों से अपील की गयी कि जनपद के किसान कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लेकर ही खेती करे ताकि कृषक आधुनिक तकनीक के उपयोग से अधिक उत्पादन प्राप्त कर अधिक आय प्राप्त कर सके । भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, ने अपने सम्बोधन मे कृषक मेले मे सम्मिलित होने के लिए सभी कृषको एवं अतिथियों का हृदय से अभिनंदन किया और बताया की भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित प्रौध्योंगिकियाँ को अपनाकर कृषक बंधु पशु आहार मे उपयोग होने वाले वाले फसल अवशेषो की पाचन शक्ति बढ़ा सकते है जिससे पशु खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने मे मदद मिल सकती है। डॉ. रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा ने अपने सम्बोधन में बताया की कृषक संस्थान द्वारा विकसित प्रौध्योंगिकियाँ की जानकारी मोबाइल एप्लिकेशन एवं यूट्यूब पर उपलब्ध शैक्षणिक वीडियो के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते है। डॉ. बृज पाल सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अतिथियों एवं कृषको का स्वागत किया गया तथा गत वर्षो मे कृषि विज्ञान केंद्र बरेली द्वारा खेतो मे ही फसल अवशेषो के प्रबंधन पर प्रचार प्रसार कार्यक्रमों एवं उपलब्धियों की जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया की इन प्रयासो के कारण ही गत वर्षो मे जनपद मे पराली जलाने की घटना मे कमी देखी गई है। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे फसल अवशेष के लाभ एवं फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोगी कृषि यंत्र, पशुओं में फैलने वाली प्रमुख बिमारी एवं उनकी रोकथाम, दुधारू पशुओं का पोषण प्रबंधन, फसल अवशेषों का पशुपालन में उपयोग, पशुओं में बांझपन की समस्या एवं रोकथाम, किसान कल्याण हेतु बरेली जनपद में कृषि विकास एवं उद्यान विकास हेतु योजनाएं, फसल अवशेषों का उद्यान संबंधित फसलों में प्रयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग के विशेषज्ञों, वैज्ञानिको एवं अधिकारीगण ने कृषको की समस्यों को सुना और समाधान की जानकारी दी। किसान मेला में भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान अनुसंधान संस्थान इज्ज़त्नगर , जिला कृषि विभाग, इफको, निजी बीज कंपनियां, सतनाम नर्सरी , एरिस इंडिया लिमिटेड ,कृषको द्वारा जैवक एवं प्राकृतिक कृषि उत्पादो , कृषक उत्पादक संगठन एवं महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रो की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों एवं जिला कृषि अधिकारी तथा जिला उद्यान अधिकारी द्वारा किसान हित में व्याख्यान दिया गए । इस कार्यक्रम में जनपद के 482 कृषकों ने भाग लिया, जिसमे लगभग 115 कृषक महिलाये थी। कार्यक्रम के अंत मे डॉ. महेश चंद्र, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया किया।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वाराडॉ. त्रिवेणी दत्त, निदेशक, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की अध्यक्षता मे“मिललेट्स में उत्पादकता एवं मूल्य संवर्धन” विषय पर पूसा नई दिल्ली से आज दिनांक १८ मार्च २०२३ को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सजीव प्रसारण का आयोजन किया गया।कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी, डॉ बृज पाल सिंह ने सभी कृषको और वैज्ञानिको का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम मे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी “मिलेटस में उत्पादकता एवं मूल्य संवर्धन” विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर कृषको को संबोधित करेंगे।इस अवसर पर डॉ. त्रिवेणी दत्त ने सभी कृषको एवं संस्थान के वैज्ञानिकों का हार्दिक अभिनंदन कर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संबोधन को सुनने और उनके मार्गदर्शन के अनुसार कार्य करने के लिए आवाहन किया। उन्होने कृषको को कृषि एवं पशुपालन मे नवाचार हेतु कृषि विज्ञान केंद्र एवं संस्थान से जुड़े रहने की सलाह दी।कार्यक्रम के दौरान सभी कृषको एवं वैज्ञानिकों ने आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और आदरणीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री,श्री नरेंद्र तोमर जी के विचारों को सुना। अपने सम्बोधन मे माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया कि भारत के प्रस्ताव एवं प्रयासों के बाद 2023 को संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मिललेट्स वर्ष के रूप मे मनाया जा रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने कृषको को मिललेट्स की उपयोगिता के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की भारत में जलवायु परिवर्तन की चुनौती से जूझ रहे लगभग 2.5 करोड़ छोटे किसानो के लिए मिललेट्स की खेती वरदान साबित हो सकती है।उन्होंने बताया कि मिलेट्स की उपयोगिता को देखते हुए मिललेट्स को श्री अन्न के रूप में नई पहचान प्रदान की गई हैं और इस उपलक्ष मे उन्होने कृषको से पूसा मे आयोजित पर्यावरण, प्रकृति, स्वास्थय और किसान की आय से संबन्धित श्री अन्न की प्रदर्शनी देखने हेतु आमंत्रित किया।माननीय श्री नरेंद्र तोमर जी ने बताया की आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जीके मार्गदर्शन से मंत्रालय भोजन की थाली मे श्री अन्न की प्रतिष्ठा को बढ़ाने की दिशा मे निरंतर कार्य कर रहा है।इस अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्मारक डाक टिकट,₹75 का स्मारकसिक्का, श्रम अन्न के मानको पर लेख का वोमोचन कर भाकृअनुप-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान,हैदराबाद को वैश्विक उत्कृष्ठता केंद्र के तौर पर घोषित किया। कार्यक्रम मे आगे कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कृषको हेतु प्रकृतिक खेती पर प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम मे श्री राकेश पाण्डेय ने प्राकृतिक खेती के उत्पादो का उपयोग कर श्री अन्न की खेती करने की बात कही। श्रीमाती वाणी यादव ने श्री अन्न की खेती, अर्थशास्त्र औरमूल्य संवर्धनसंबन्धित जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर सभी आमंत्रित संयुक निदेशक, विभागाध्यक्ष , संसथान के सभे अधिकारियो एवं किसानों श्री अन्न से बने व्यंजन भी वितरित किया गए । कार्यक्रम में संसथान के संयुक्त निदेशक केडराड डॉ के.पी. सिंह , संयुक्त निदेशकशेक्षणिक डॉ एस के मेंदीरता, संयुक्त निदेशक, शोध डॉ एस. के. सिंह सहित संस्थान के विभागाध्यक्षों, वैज्ञानिकों, संयुक्त निदेशक प्रशाशन, वित्त नियंत्रक , अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम में 85 महिलाओं सहित कुल 307लोगों ने ने अपनी सहभागिता दर्ज की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली (उ॰प्र॰) द्वारा किसान सम्मान दिवस के अवसर पर फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के अन्तर्गत बहेड़ी विकास खण्ड के श्री सलीग राम एस॰वी॰एम॰ इंटर कॉलेज में एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुये मेले के मुख्य अतिथि डॉ॰ महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने मेले में बड़ी संख्या में आये किसान भाइयों तथा ग्रामीण महिलाओं का स्वागत करते हुये कहा कि भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर स्थित यह कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली जनपद के किसानों कि एक लम्बे समय से सेवा करता आ रहा है। उन्होने कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओ को भी सम्मानित करने का सुझाव दिया । आज के इस मेले के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन का संदेश घर-घर तक जाए और अधिक से अधिक किसान भाई इसको एक मिशन के रूप में लेकर इस समस्या को समाप्त करने में सहयोग दें तो भूमि और पर्यावरण की स्थिति को सुधारने में समय नहीं लगेगा। विशिष्ट अतिथि माननीय श्रीअंरिंदर सिंह, ब्लॉक प्रमुख,बहेड़ी विकास खण्ड ने किसानों को संबोधित करते हुये उन्हें किसान सम्मान दिवस की शुभकामनायें देते हुये बताया कि हम इस धरती को अपनी माँ के समान पूजते हैं और यही हमारे जीवन यापन के लिए अन्न-जल का मुख्य स्रोत है। इसलिये इसकी उर्वरता को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। पराली जलाना अपनी धरती माँ पर अत्याचार करने के समान है। इससे खेत की मिट्टी के साथ-साथ पर्यावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिये किसान भाई किसी भी प्रकार के फसल अवशेषों को जलाने के स्थान पर उसको मिट्टी में ही मिलाकर भूमि को उपजाऊ बनायें और खेती की लागत को कम करें। माननीय श्री छत्रपाल सिंह पूर्व विधायक के प्रतिनिधि श्री सुरेश चन्द्र गंगवार ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के सम्बन्ध कृषको को में प्रदान की गई जानकारी को अत्यधिक उपयोगी बताते हुये सरकार की विभिन्न योजनाओं में कृषि यंत्रो को क्रय करने के साथ-साथ अन्य सभी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित किया। तकनीकी सत्र में डॉ अखिलेश, वरिष्ठ वैज्ञानिक पशु औषधि विभाग ने पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यदि हम पशुओ के व्यवहार को नियमित रूप से देखते रहे और उनकी बीमारियों को आरंभिक अवस्था में ही पकड़ ले तो कम लागत में बहुत आसानी से उनका उपचार कराया जा सकता है । उन्होने थनैला एवं संक्रामक रोगो के बारे में कृषको के प्रश्नों के उत्तर भी दिये । डॉ. शशीकान्त गुप्ता, पशु पुनुरुत्पादन विभाग ने पशुओं के गर्भधारण संबंधी समस्याओं एवं उनके निवारण के संबंध में जानकारी प्रदान की। श्री आर॰एल॰सागर, विषय विशेषज्ञ ने फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले नुकसान और इसके खेत में ही प्रबन्धन से होने वाले फायदों के सम्बन्ध में, श्री राकेश पाण्डे ने फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्रों तथा विभिन्न परिस्थितियों में उनके उपयोग करने के तरीकों तथा सुश्री वाणी यादव ने फसल अवशेष प्रबन्धन के मृदा पर पड़ने वाले प्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी दी। मुख्य अतिथि श्री अमरिंदर सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ महेश चंद्र ने फसल अवशेष प्रबंधन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे प्रगतिशील कृषको को सम्मानित किया तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमो के माध्यम से संदेश देने वाले 15 छात्र छात्राओं को भी सम्मानित किया गया । श्री रंजीत सिंह,बागवानी विशेषज्ञ ने स्वर्गीय चौधरी चरण जी के जीवनवृत पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर प्रदर्शिनी का भी आयोजन किया जिसमे महिला समूहो तथा छात्र छात्राओं ने कृषि एवं विज्ञान संबंधी अपने माडल भी प्रस्तुत किए जिसकी सभी उपस्थित अतिथियों ने सराहना की ।उक्त किसान सम्मान समारोह एवं किसान मेले में लगभग 782 किसानो, कृषक महिलायों एवं छात्र छात्राओं ने भागीदारी की । मेले में फसल अवशेष प्रबंधन में इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों व भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की टीम ने कृषि विभाग, बरेली द्वारा विल्वाफार्म पर आयोजित किसान सम्मान दिवस में प्रतिभागिता दर्ज की जिसमे एक पशु विज्ञान प्रदर्शिनी में एक स्टाल लगाया गया जिस पर बड़ी संख्या में किसानो ने जानकारी प्राप्त की साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रे एवं संस्थान के वैज्ञानिको ने किसान मेले में फसल उत्पादन तथा पशु पालन संबंधी जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में लगभग 950 किसानों तथा किसान महिलाओं ने भागीदारी की।
दिनांक 20-12-22 को कृषि विज्ञान केंद्र भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ने अपना 37वा स्थापना दिवस के अवसर पर मोहम्मदपुर ठाकुरन ग्राम से आए हुए कृषको व कृषक महिलायों के साथ मनाया गया । गत 37 वर्षो से कृषि विज्ञान केंद्र बरेली ने बरेली के लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में अपने तकनीकी प्रदर्शन, मेले , गोष्ठियाँ व ग्रामीण अंचलीय प्रशिक्षण का आयोजन किया है और कृषको को जागरूक करते हुए उन्हें उन्नत तकनीक से जोड़ा है । इस अवसर पर संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ महेश चन्द्र जी ने कृषि विज्ञान केंद्र के सभी कृषि वैज्ञानिको को शुभकामनाए दी और कृषको को इस केंद्रद्वारा किया जाने वाले कार्यों का उल्लेख किया । संयुक्त निदेशक ने युवको और ग्रामीण महिलयों को कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों में प्रतिभागिता करने हेतु आग्रह किया । कार्यक्रम में श्रीमती वाणी यादव ने कृषको, महिला कृषको ग्रामीण क्षेत्र के युवाओ को कृषि विज्ञान केंद्र से मिलने वाले तकनीकी जानकारीयों के संबंध में विस्तार से बताया। कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली अध्यक्ष डॉ बी पी सिंह ने कृषको को कृषि सभी इकाइयों के प्रशिक्षण ग्रहण करने का आग्रह किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज़्ज़तनगर, बरेली द्वारा दिनाँक 12 से 14 दिसम्बर, 2022 तक कृषक उत्पादक संगठन के निदेशक मण्डल, अधिशासी अधिकारियों तथा सदस्यों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ॰ महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक, प्रसार, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज़्ज़तनगर; विशिष्ट अतिथि श्री डी॰के॰ मिश्रा, डी॰डी॰एम॰, नाबार्ड, बरेली; श्रीमति सुषमा,मैनजेर लीड बैंक बरेली तथा श्री एस॰बी॰ सक्सेना, क्षेत्रीय प्रबन्धक, बड़ौदा उत्तर प्रदेश बैंक, बरेली रहे । अध्यक्षीय सम्बोधन मेंडॉ॰ महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक, प्रसार ने बताया कि कृषक उत्पादक संगठनों की संख्या तथा सक्रियता की दृष्टि से उत्तर प्रदेश एवं एनी राज्यों के कृषक उत्पादक संगठनों की सफलताओं पर प्रकाश डाला तथा कार्यक्रम की सफलता की कामना करते हुये कृषक उत्पादक संगठनों की सफलता के लिए ऐसे ही और कार्यक्रमों के अधिक संख्या में आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। विशिष्ट अतिथि श्री डी॰के॰ मिश्रा, डी॰डी॰एम॰, नाबार्ड, बरेली ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली के इस प्रयास की सराहना की तथा कहा की यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से कृषक उत्पादक संगठनों को अपने उद्देश्यों में सफलता की ओर ले जाएगा। विशिष्ट अतिथि अतिथियो द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना तथा इनके बैंकों से रिश्तों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा बताया कि सरकारी योजनायें तथा बैंक सदैव कृषक उत्पादक संगठनों के सहयोग के लिए तत्पर हैं। डॉ॰ बृजपल सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र,बरेली एवं पाठ्यक्रम निदेशक द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषक उत्पादक संगठन के गठन, उसके घटक सदस्यों कि भूमिका तथा जिम्मेदारियाँ,कृषक उत्पादक संगठन का प्रबंधन,बैंक से संबंध तथा लेनदेन, लेखों का रख-रखाव, ऑडिट,विभिन्न व्यावसायिक कार्ययोजनायें बनाना, उनका क्रियान्वयन, जोखिम प्रबंधन,कृषि- उद्यान -मतस्य पालन एवं पशु पालन से सम्बंधित विभिन्न सरकारी योजनायें तथा टीम के रूप में कार्य करना आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए। जैविक कृषि एवं सफल कृषि उधमियो के साथ भी चर्चा आयोजित की गयी , साथ ही सफल कृषक उत्पादक संगठनों कि वीडियो फिल्मों का प्रसारण भी दिखाया । कृषि विज्ञानं केंद्र के विशेषज्ञ, संस्थान के वैज्ञानिक , बैंक अधिकारी, जनपद स्तरीय अधिकारी , चार्टेड अकाउंटेंट द्वारा व्याख्यान आयोजित किया गए । प्रशिक्षणर्थियो को बरेली एवं रामपुर जनपद में कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा चलाये जा रहे कृषि उधमों/व्यवसायों का भी भ्रमण कराया गया । इस कार्यक्रम में बरेली किसान एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ,बरेली; कृषिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, रामपुर, एवं पौल्ट्रेक खीरी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड लखीमपुर- खीरी के 17 निदेशक मण्डल, अधिशासी अधिकारियों तथा सदस्यों ने प्रतिभाग किया।
आज दिनांक 21 नवम्बर,2022 को “विश्व मात्स्यिकी दिवस” के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज़्ज़तनगर, कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में मत्स्य कृषकों हेतु एक कृषकगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमेवर्तमान परिवेश में मत्स्य पालन की आवश्यकता तथा उसके लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी कृषकों से साझा की गई । गोष्ठी के दौरान विशेषज्ञो ने कृषकों से संवाद, उनकी समस्याओं का निस्तारण सहित नवीन वैज्ञानिक पद्धतियों के बारे में भी अवगत कराया । गोष्ठी के दौरान डॉ. महेश चन्द्र , संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा ने मत्स्य पलकों को मत्स्य उत्पाद के मूल्य संवर्वधन के बारे में सविस्तार जानकारी साझा की । डॉ. बृजपाल सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने उत्तर प्रदेश एवं देश में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र , मत्स्य सहकारी संस्थाए तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी । श्री दुर्गा दत्त शर्मा, सहा. मुख्य तक. अधिकारी ने मत्स्य पालन में जल की गुणवत्ता के महत्व आदि के बारे में मत्स्य पालकों को जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में डॉ. महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ. बृजपाल सिंह, श्री दुर्गा दत्त शर्मा,श्रीआर .एल. सागर, डा. शार्दुल एवं वाणी यादव आदिउपस्थित रहे । इस कार्यक्रम में बरेली जनपदके प्रगतिशील 30 मत्स्य पालकों ने हिस्सा लिया ।
कृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान सम्मेलन के सजीव प्रसारण का आयोजन आज दिनांक 17.10.2022 कोकृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान सम्मेलन के सजीव प्रसारण का आयोजन संस्थान के केन्द्रीय सभागार मे किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आरंभ मे संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त ने जनपद के कृषको का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया और कार्यक्रम मे पधारने पर आभार व्यक्त किया।आपने बताया की आदरणीय प्रधानमंत्री जी के आहवाहन के अनुसारअनुसंधान और तकनीकी का प्रयोग कर देश के किसानो ने बीते पाँच वर्षो मे अपनी आय दोगुनी की है। आपने सभी किसानो से विनम्र निवेदन किया कि कार्यक्रम मे माननीय प्रधानमंत्री के वचनो को सुने और उनके मार्गदर्शन के अनुसार कार्य करे। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मेलन का सजीव प्रसारण सभी कृषको को दिखाया गया। इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आज के दिन 16000 करोड़ रुपए की 12वीं किस्त 3 करोड़ किसान भाइयों के खाते में जमा कर दी गई है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही नई योजना एक राष्ट्र एक उर्वरक के बारे में भी किसानों को जानकारी दी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लगभग 3 लाख दुकान को प्रधानमंत्रीकिसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की बात कही जहां पर कृषको को उन्नत बीजों के साथ उर्वरक एवं उपकरणों के बारे में संपूर्ण जानकारी एवं सुविधा मिल सकेगी। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ बी पी सिंह ने बताया कीवैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर किसान भाईरोजगार प्राप्त कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े श्री अमन लाकरा जी ने भी अपनी सफलता की कहानी को कृषकों के सम्मुख रखा और बताया कि दिन में लगभग 10 से 12 घंटे के कठोर परिश्रम और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर ही उन्होंने सफलता पाई है। कार्यक्रम में आगे श्री राकेश पाण्डेय,आर एल सागर और श्रीमती वाणी यादव ने फसल अवशेष प्रबंधन और उपयोगी यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में डॉक्टर महेश चंद्र संयुक्त निदेशक (प्रचार प्रसार),कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारी और230 कृषको (134 महिला कृषक ) ने प्रतिभागिता की।
कृषि विज्ञान केंद्र,भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा विश्व खाद्य दिवस का आयोजन आज दिनांक १६ अक्टूबर को कृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा किशुर्रा ग्राम पंचायत, फरीदपुर, बरेलीमे विश्व खाद्य दिवस का आयोजन किया गया।कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र सेश्रीमती बानी यादव ने सभी कृषक बंधुओं का स्वागत कर कार्यक्रम को आरंभ किया।इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ बी पी सिंह ने अपने संबोधन में कृषक बंधुओं को विश्व खाद्य दिवस की शुभकामनाएं दी।आपने बताया कि वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर जनपद के किसान वर्षभर सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं और अच्छी आमदनी पा रहे हैं।आपने गांव के ही एक सफल कृषक श्री लाल बहादुर जी का उदाहरण देकर बताया की कैसे उन्होने कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़करव्यवसायिक स्तर पर मशरूम उत्पादन की शुरुआत की। अपने गांव के युवाओं एवं महिलाओं को कृषि एवं पशुपालन से जुड़कर ग्रामीण स्तर पर खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरणा दी। कार्यक्रम मे श्री आरएल सागर ने कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आपने बताया की फसल अवशेषों को बायोडीकंपोस्टर की मदद से भूमि मे ही सड़ाकर कृषक बंधु मृदा की उर्वरकता को बढ़ाकर अपनी फसल के उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ा सकते है। कार्यक्रम में आगे डॉ.शार्दूल विक्रम लाल ने पशु की उत्पादन क्षमता को बनाए रखने के लिए पशु पोषण और स्वास्थ्य प्रबंधन पर जानकारी दी और श्री दुर्गादत्त ने समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर खाद्य सुरक्षा की बात कहीं। इस कार्यक्रम में 77 कृषक (24 महिला कृषक) ने प्रतिभागीता की।
कृषि विज्ञान केंद्र,भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थानद्वारा महिला किसान दिवस का आयोजन आज कृषि विज्ञान केंद्र, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान,बरेली द्वारा महिला किसान दिवस का आयोजन भुता ब्लाक के पढ़ोली गाँव में किया गया। कार्यक्रम के आरंभ मे श्रीमती वाणी यादव, कार्यक्रम सहायक ने सभी महिला कृषको का स्वागत किया और कृषि एवं पशुपालन संबंधी कार्यों मे महिला कृषको के योगदान को उजागर किया । आपने सभी महिला कृषको को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा दिये जाने वाले विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षणों जैसे सर्फ, डिटर्जेंट, मोमबत्ती, फल व सब्जियों के प्रसंस्करण आदि की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम मे डॉ बी.पी. सिंह,अध्यक्ष,कृषि विज्ञान केंद्र ने बताया की भारतीय कृषि एवं पशुपालन के विकास मे कृषक महिलाएँ एक अहम भूमिका निभा रही है। आपने कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़ी सफल महिला किसानो के बारे मे जानकारी दी और कृषक महिलाओ को कृषि विज्ञान केंद्र से जुडने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.महेश चंद्र, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) ने अपने सम्बोधन मे उदाहरण देकर बताया की कैसे स्वयं सहायता समूह के द्वारा महिलाओ का आर्थिक शशक्तिकरण हो रहा है। आपने महिलाओ को अपने घर के चारदीवारों से बाहर निकल दुनिया मे हो रहे बदलाव के अनुसार अपने भविष्य की संभावनाओ पर विचार करने का आग्रह किया।कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन और पशुपालन संबंधी जानकारी भी जरूरी जानकारी प्रदान की गई। इस कार्यक्रम मे कुल 74 महिला कृषको ने सहभागिता की।
कृषि विज्ञान केंद्र- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्ज़तनगर द्वारा“ डेयरी उद्यमिता विकास”विषय पर 19 से 22 सितंबर 2022 तक चार दिवसीयप्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन कृषि विज्ञान केंद्रके अध्यक्ष,डॉ. बी पी सिंह, के व्याखान से आरंभ किया गया जिसमें उन्होने अधिक आमदनी अर्जित करने के लिए कृषको को डेयरी व्यवसाय से प्राप्त उत्पादों के मूल्य संवर्धन की बात कहीऔर शहर एवं गाँव मे चारे की उपलब्धता मे सुधार हेतु चारा बैंक की शुरुआत कर उद्यमिता विकास करने पर बल दिया।चार दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेयरी उद्यमिता की उपयोगिता, गाय एवं प्रमुख भैंस की नस्लें एवं वैज्ञानिक प्रबंधन, आवास प्रबंधन, अच्छे दुधारू पशुओं का चुनाव, प्रजनन , पोषण प्रबंधन,रखरखाव,संस्थान द्वारा दुधारू पशु आहार प्रौद्योगिकी, वर्ष भर हरा चारा उत्पादन कैसे करें, गाय एवं भैंसों के प्रमुख रोगो का नियंत्रण एवं रोकथाम, आंतरिक एवं बाह्य परजीवी प्रबंधन, प्रजनन संबंधी समस्या तथा निदान, डेयरी फार्म का दैनिक प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, डेयरी फार्म पर रखे जाने वाले रिकॉर्ड, डेयरी फार्म का आर्थिक मूल्यांकन तथा गाय एवं भैंस पालन प्रोत्साहन हेतु सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों नेअपने व्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की और कृषको के साथ उनकी पशु पालन से सम्बंधित समस्याओ पर चर्चा की।कार्यक्रम के दौरान युवाओ को कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फॉर्म पर मत्स्य सह डेरी, मत्स्य सह बकरी, मत्स्य सह बतख, मत्स्य सह मुर्गीएवं केंचुआ खाद प्रदर्शन इकाई आदि पर भी भ्रमण आयोजित किया गया । प्रशिक्षण में आये सभी युवाओं को कृषि विज्ञान केंद्र में लगे प्राकृतिकखेती के प्रदर्शन को भी दिखाया गया ।कार्यक्रम के समापन समारोह में सस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा)डॉ. महेश चंद्र, ने अपने संबोधन में कृषको को डेरी व्यवसाय में नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया और उदाहरण देकर बताया की डेयरी उद्यमिता महिला सशक्तिकरण का जरिया साबित हुआ है। उन्होंने बताया की पशुपालन से संबंधित जानकारी के लिए कृषक बंधु कृषि विज्ञान, बरेली द्वारा चलाए जा रहे यूट्यूब चैनल, फेसबुक एवं के.वी.के. पोर्टल से भी जुड़ सकते हैं। उन्होंने आगे भी कृषि एवं पशुपालन से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की सलाह दी। तत्पश्चातप्रशिक्षण प्रतिक्रिया/फीडबैक प्राप्त कर सभी प्रतिभागियो को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर बधाई दी और प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर इच्छुक कृषको को चारा उत्पादन मे सहयोग हेतु बाजरा संकर नेपिय की सी. ओ- 5 किस्म के 500 कटिंग भी निशुल्क उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम के मूल्यांकन हेतु कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का पूर्व एवं पश्चात मूलयांकन भी किया गया।इस प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के सात जनपद बरेली, पीलीभीत, कासगंज, गोरखपुर, जनपद से आए चार महिलाओ सहित कुल 30 कृषको ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।
कृषि विज्ञान केन्द्र-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्ज़तनगर,बरेली,द्वारा “शूकर पालन उद्यमिता विकास”विषयपर दिनांक 30अगस्त 2022 से 02 सितंबर 2022 तकप्रशिक्षण कार्यक्रमका आयोजनकिया गया । कार्यक्रम के आरंभ मे डॉ.बृज पाल सिंह,प्रधान वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र ने अपने संभोधन मे बताया किबीते तीन दशको से कृषि विज्ञान केंद्र बरेली प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग प्रदान कर कृषको एवं युवाओ को शूकर पालन अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज बरेली जनपद मे कृषक एवं युवा सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर शूकर पालन मे रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं, साथ ही शूकर पालन का कृषकों द्वारा अपनाई गये व्यावसायिक मॉडल की जानकारी दी। चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषको व युवाओं को शूकरों की विभिन्न नस्ले एवं वैज्ञानिक प्रबंधन, आवास प्रबंधन,चयन एवं प्रजनन प्रबंधन,शूकरों का रख रखाव,कम लागत मे संतुलित आहार बनाने की विधि, विभिन्न अवस्थाओ मे पोषण प्रबंधन, रोगो का नियंत्रण एवं रोकथाम, आंतरिक एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण, शूकरो मे प्रजनन की समस्या तथा निदान, शूकर फार्म का दैनिक प्रबंधन, शूकर फार्म मे जैव सुरक्षा, शूकर फार्म मे रखे जाने वाले रिकॉर्ड, शूकर फार्म का आर्थिक मूल्यांकन, माँस उत्पादन एवं प्रसंस्करण तथा बैंक ऑफ़ बड़ोदा के प्रबंधक द्वारा शूकर पालन प्रोत्साहन हेतु सरकारी योजनाओ के माध्यम से वित्तीय योजना विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों नेव्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की और कृषको के साथ उनकी समस्याओ पर चर्चा की। कार्यक्रम मेकृषको के प्रोत्साहन हेतु कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े सफल कृषको की कहानी भी चलचित्र के माध्यम से दिखाई गई और कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फार्म तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान केसंग्रहालय, कृषि प्रौद्योगिकीसूचना केन्द्र का भ्रमण कराकर प्रतिभागियो को आवश्यक व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के समापन समारोह मे डॉ. महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) ने अपने संबोधन मेंबताया की शूकर पालन संबन्धित नवीन प्रौद्योगिकियोंके उपयोगसे शूकर पालन और भी आसान हुआ है और शूकर उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है, यही नहीं उत्पादन लागत कम होने से आय मे भी बढ़ोतरी होती है।उन्होने प्रतिभागियों को आगे भी नवीन तकनीकी जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े रहने की सलाह दी और प्रतिभागियों से प्रशिक्षण प्रतिक्रिया प्राप्त कर प्रमाण पत्र वितरित किए । कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व एवं पश्चात मूलयांकन भी किया गया। कार्यक्रम मे प्रदेश के बरेली, पीलीभीत, मथुरा,मुरादाबाद,कासगंज जनपद से आए 45 कृषको ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर,बरेली ने आज दिनाँक 16 जुलाई, 2022 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि माननीय कृषि मंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने की। इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अन्तर्गत कार्यरत संस्थानों, उनमें कार्यरत वैज्ञानिकों, अध्यापकों, देश में कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा अन्य संस्थाओं में से उत्कृष्ट कार्य करने वालों को पुरुस्कृत किया। इस अवसर पर उन्होंने पूरे देश में 75,000 ऐसे कृषकों की सफलता की का विमोचन किया जिनकी आय नवीनतम तकनीकों को अपनाने से गत 5 वर्षों में दोगुनी हुई है। उन्होंने कुछ सफल किसानों से ऑन लाइन वार्ता भी की। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में उन्होंने सभी विजेताओं तथा सफल कृषकों को बधाई दी और भविष्य में इसी प्रकार मेहनत और लगन से कृषक हित में कार्य करते रहने का आहवाहन किया जिससे देश को निरन्तर तरक्की के मार्ग पर ले जाया जा सके। उक्त कार्यक्रम में माननीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला जी,केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री माननीय श्री कैलाश चौधरी, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं सचिव, डेयर डॉ. त्रिलोचन महापात्रा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये तथा विभिन्न संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, वैज्ञानिकों तथा कृषकों द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली ने इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वेब-कास्टिंग के माध्यम से किया जहाँ बरेली जनपद के सफल कृषकों ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। कार्यक्रम में 48 सफल कृषकों ने भागीदारी की।
कृषि विज्ञान केन्द्र भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली (उ॰प्र॰) तथा कृषि विभाग, बरेली द्वारा दिनाँक 15 अगस्त, 2022 को आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये आज़ादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत किसान सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय जिलाधिकारी बरेली जनपद श्री शिवाकान्तf}osदी जी ने की। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में उन्होने कृषकों को जैविक खेती और प्राकृतिक खेती करने के लिये प्रोत्साहित करते हुये बताया कि वर्तमान खेती में रसायनो का प्रयोग करने से मृदा कमजोर होती जा रही है। इसकी स्थिति केवल जैविक खेती और प्राकृतिक खेती करके ही सुधारी जा सकती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय सांसद श्री संतोष गंगवारजी ,बरेली लोकसभा क्षेत्रने उपस्थित कृषकों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी एवं आग्रह किया कि आज जिन कृषकों को सम्मानित किया गया है वह कृषक स्वयं व अपने क्षेत्र के अन्य कृषकों को फसल उत्पादन, उद्यान एवं पशुपालन आदि क्षेत्र में निरंतर विकास करते रहने के लिये प्रेरणा बनेंगे। बरेली शहर विधायक डॉ अरुण कुमार जी ने आजादी के अमृत महोत्सव में सभी कृषकों को बधाई दी एवं सुझाव दिया की आप को दिया गया सम्मान आपके क्षेत्र एवं विकास खंड के लिए एक प्रतीक के रूप में है फलदार वृक्षों को अधिक से अधिक लगाएं जिससे फसल उत्पादन के साथ-साथ हमारे खाने में पौष्टिकता भी बढ़े। उन्होंने बताया कृषकों की समस्या जंगली पशुओं से बहुत अधिक रही है और सरकार इसके लिए एक दूरगामी रणनीति तैयार कर रही है उन्होंने आवाहन किया आजादी का अमृत महोत्सव देश ने अनेक सपूतों की कुर्बानी के बाद प्राप्त किया है अतः निरंतर देश की सेवा में अपना योगदान देते रहें। इससे पूर्व खरीफ कृषक गोष्ठी के अवसर पर श्री राकेश पाण्डे ने सामयिक फसलों जैसे धान,गन्ना, मूँग, उर्द तथा तिल में ध्यान रखने योग्य बातों तथा फसल सुरक्षा के बारे में तथा अन्य समसामयिक जानकारी दी। श्री रंजीत सिंह ने उद्यान सम्बन्धी फसलों के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी। डॉ॰ शार्दूल विक्रम लाल ने बरसात के मौसम में पशुओं की देखभाल तथा पशुधन उत्पादों के पौष्टिक खाद्य उपयोगों के सम्बंध में जानकारी दी।जिला उद्यान अधिकारी डॉ॰ पुनीत पाठक तथा सहायक निदेशक मत्स्य डॉ॰ विभा लोनी ने अपने विभागों से संबन्धित विभिन्न सरकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन विषय पर बनाई लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ॰ एमपी आर्य माननीय विधायक नवाबगंज क्षेत्र, डॉ॰ राघवेंद्र शर्मामाननीय विधायक बिथरीचैनपुर ने भी किसानों को शुभकामनायें देते हुये अपने विचार व्यक्त किए।इस कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती रश्मि पटेल, मुख्य विकास अधिकारी श्री जग प्रवेश, आईवीआरआई संस्थान के निदेशक डॉ त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक कृषि डॉ राजेश कुमार, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा (आईवीआरआई) डॉक्टर महेश चंद्र, उपनिदेशक कृषि श्री दीदार सिंह, धीरेंद्र चौधरी जिला कृषि अधिकारी एवं डॉ॰ बृजपाल सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र भी मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के मध्य कृषकों ने अपनी क्षेत्र की समस्याओं से उपस्थित अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया इनमें श्री अरुण सिंह सिमरा बोरीपुर, श्री राकेश गंगवार इटौवा, श्री सीताराम डांडिया नगला, श्री सर्वेश कुमार ग्रेम, आदि ने अपने अपने विचार रखें। श्री लोक राज मौर्य, राजपुर कलाँ ने उपस्थित कृषकों को बताया की अगर सही ढंग से योजना बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जाये और किसान ईमानदारी से लीक से हटकर कार्य करे तो उसकी आय दोगुनी ही नहीं तीन-चार गुनी भी हो सकती है। आजादी के अमृत महोत्सव में जनपद के जनप्रतिनिधियों द्वारा जनपद के 75 प्रगतिशील कृषकों को एक प्रशस्ति पत्र एक तिरंगा झंडा और एक फलदार वृक्ष देकर सम्मानित किया गयातथा शेष सभी कृषकों को माल्यार्पण कर एवं एक-एक फलदार पौधा देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव पर लगाये गए सेल्फी पॉइंट पर सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कृषकों ने फोटो भी खिंचवायी। कार्यक्रम में 257 कृषक 56 अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित हुये।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली (उ॰प्र॰) द्वारा आज ग्रेम, नवाबगंज, बरेली में आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये आज़ादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत हर घर तिरंगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पौष्टिक खाद्य उपभोग के लिये उपभोक्ता जागरूकता विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ॰ महेश चन्द्र ने उपस्थित कृषकों, महिलाओं एवं बच्चों को आजादी के महत्व के बारे में जानकारी देते हुये आजादी की लड़ाई में शहीद हुये भारत माँ के सपूतों तथा आजादी के बाद आजादी की रक्षा में शहीद हुये सपूतों को याद किया और बताया की इस 75वीं वर्षगाँठ पर हमको यह अवसर मिला है कि हम अपने घरों पर तिरंगा लगाकर इस शुभ दिन को यादगार बनायें। डॉ॰ बृजपाल सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने आजादी के समय और आज 75 वर्ष बाद कि परिस्थितियों में आये बड़े बदलाव को बताते हुये यह जानकारी दी कि हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों से लड़कर हमें आजादी दिलायी थी हमें देश को सर्वांगीण विकास की राह पर ले जाकर अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करना है। हमें अपने घरों पर तिरंगा लगाना है और इस बात का संकल्प लेना है कि भारतीय कृषक के रूप में हम देश को कृषि के क्षेत्र में पूर्णतया आत्मनिर्भर बनाने के लिये कार्य करेंगे। श्री राकेश पाण्डे ने सामयिक फसलों जैसे धान, गन्ना, मूँग, उर्द तथा तिल में ध्यान रखने योग्य बातों तथा फसल सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुये यह भी बताया कि अपने भोजन में हमें सभी तरह की दालों, सब्जियों, दुग्ध उत्पादों, मौसमी फलों आदि को सम्मिलित करके उसकी पौष्टिकता पर विशेष ध्यान देना चाहिये। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों से अनुरोध किया कि वे जो दालें या सब्जियाँ पसन्द नहीं हैं उन्हें भी खाया करे। उन्होंने ग्रामीण परिवारों से अपने भोजन में मोटे अनाजों या उनसे बने विभिन्न व्यंजनों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। श्री रंजीत सिंह ने झण्डा लगाने और उसको पूर्ण सम्मान देने के सम्बंध में निर्धारित नियमों के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने परिवार में पौष्टिक भोजन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये पोषण वाटिका के महत्व पर प्रकाश डाला तथा इसमें नीबू, केला, पपीता, हरी पत्ती वाले सागों आदि को लगाने रसोई घर में उपलब्ध मसालों से मिलने वाले तत्वों आदि के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी। डॉ॰ शार्दूल विक्रम लाल ने बरसात के मौसम में पशुओं की देखभाल तथा पशुधन उत्पादों के पौष्टिक खाद्य उपयोगों के सम्बंध में जानकारी दी। इसके पश्चात श्री दुर्गादत्त शर्मा ने तिरंगा रैली का आयोजन किया जिसमें उपस्थित ग्रामीण महिलाओं, कृषकों तथा बच्चों ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली द्वारा वितरित तिरंगे झंडों के साथ नारे लगाते हुये पूरे गाँव में रैली निकाली और हर घर तिरंगा के सम्बंध में लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम में लगभग 27 कृषकों, 21 महिलाओं तथा 39 बच्चों ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली द्वारा आज दिनाँक 31 मई, 2022 को शिमला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित जनकल्याण योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अन्तर्गत माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के कर-कमलों से किसानों के खातों में डिजिटल माध्यम से किसान सम्मान निधि के 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को 21 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि का किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड आदि योजनाओं के लाभार्थियों से उनके अनुभवों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि लगातार प्रयासों के बाद सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ लाभार्थियों तक पहुँच रहा है। माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी ने जानकारी दी कि पूरा विश्व आश्चर्यचकित है कि किस प्रकार भारतवासियों ने सीमित संसाधनों के होते हुये कोरोनाकाल के पश्चात कितनी तेजी से पुनः उठकर विश्व में विकास की उच्चतम गति को प्राप्त किया। इससे पूर्व माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ जी के “गरीब कल्याण सम्मेलन” के आयोजन के अवसर पर किए गये सम्बोधन का सीधा प्रसारण भी किया गया l जिसमें माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भी लखनऊ में योजनाओं के प्रदेश स्तर के लाभार्थियो से संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार का निरंतर यही प्रयास है कि कोई भी गरीब सरकार की इन योजनाओं का लाभ पाने से वंचित न रह जाये। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग, बरेली एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली द्वारा संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में बरेली जनपद के विभिन्न विकास खंडों के 147 कृषकों ने भागीदारी कर सीधा प्रसारण देखा। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि डॉ॰ राजेश कुमार, उपनिदेशक कृषि श्री धीरेन्द्र चौधरी, उपनिदेशक फसल सुरक्षा श्री विश्वनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र के श्री राकेश पाण्डे, श्री रंजीत सिंह, श्री एन॰के॰ सिंह, श्री दुर्गा दत्त तथा अन्य सभी स्टाफ उपस्थित रहा।
आज दिनांक 26 अप्रैल 2022 को कृषि विज्ञान केंद्र बरेली द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर “किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी” कार्यक्रम के अंतर्गत किसान मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र बरेली ने आत्मा, कृषि विभाग] बरेली जनपद के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी, डॉ बी पी सिंह, संयुक्त निदेशक- कृषि प्रसार, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, डॉ हरेंद्र गुप्ता, कृषि विभाग से उपनिदेशक एवं बागवानी बागवानी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ कर सभी किसान बंधुओं एवं अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन कर डॉ बी पी सिंह ने कृषक बंधुओं को सरकार के अभियान से जुड़ने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि कृषक बंधु कृषि नवाचार को अपनाकर स्वयं की तथा देश की समृद्धि को बढ़ाने में योगदान दे रहे है। संयुक्त निदेशक डॉ हरेंद्र गुप्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि कृषक बंधु कृषि को एक व्यवसाय की तरह देखें और सलाह लेकर वैज्ञानिक तरीके से बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन करें। तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ श्री रंजीत सिंह ने किसानो को भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के बारे में जानकारी दी। श्री राकेश पांडे ने मोटा अनाज, तिलहन तथा बायोफोर्टीफाइड फसल (Bio-fortified crop) की कृषि पद्धति के बारे में जानकारी दी। श्रीमती वाणी यादव ने कृषक बंधुओं को मृदा परीक्षण की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने अपनी शोध के परिणाम भी किसानों के साथ साझा किए, जिससे कि किसान मृदा परीक्षण की उपयोगिता को समझ सके। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान , इज़्ज़तनगर द्वारा पशुओं के प्रबंधन , पशुओं के रोग एवं उनका प्रबंधन , संस्थान द्वारा विकसित प्रोद्ध्योगिकी से संबन्धित विषय पर भी एक विशाल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया , जिसमे किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इस किसान मेला में बरेली जनपद के अन्य विभागों जैसे बागवानी विभाग, कृषि विभाग, कृषि रक्षा अनुभाग, इफको, कृषि विविधीकरण, पंजाब बीज भंडार, जियो लाइफ कंपनी तथा प्रगतिशील किसान श्री विजय पटेल , श्री देवेंद्र, नाबार्ड के एफ.पी.ओ.ने स्टॉल पर अपने उत्पादों जैसे जैविक खाद, जैविक कीटनाशी, उत्तम प्रजाति के बीज, सब्जी की पौध, फलों के पोधे , शहद, गोबर से निर्मित विभिन्न उत्पाद आदि की प्रदर्शिनी लगाई गई । इस कार्यक्रम में 132 कृषकों , कृषक महिलाओं, युवा कृषकों तथा बरेली जनपद के कृषि एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने भागीदारी दर्ज की ।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अन्नदाता देवो भवों कार्यक्रम का आयोजन किया 23 अप्रैल 2022 को बिथरीचैनपुर के तिवरिया गांव में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा अन्नदाता देवो भव: कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ श्री रंजीत सिंह, श्री राकेश पांडे, श्री एन के सिंह एवं डॉ एवं डॉ शार्दूल विक्रम लाल शामिल हुए। कार्यक्रम में श्री रंजीत सिंह ने सभी उपस्थित कृषक बंधुओ का स्वागत किया एवं उन्हें बायोफोर्टीफाइड फसल (Bio-fortified crop) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की बायोफोर्टीफाइड क्रॉप को अपनाकर किसान भाई अपने उत्पाद की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। श्री राकेश पांडे जी ने किसान भाइयों को गेहूं एवं चावल के बायोफोर्टीफाइड फसल के बारे में जानकारी दी तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी। श्री एनके सिंह ने प्राकृतिक खेती में गोपालन के महत्व को समझाया और किसान भाइयों को डेरी व्यवसाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया । कार्यक्रम में डॉ शार्दूल विक्रम लाल ने कृषको संग वार्ता कर पशुपालन संबंधी समस्या को सुना और उचित सलाह दी। अंत में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कृषकों को किचन गार्डन हेतु बीज मुफ्त में उपलब्ध कराए गए। इस कार्यक्रम में ३५ पुरुषों एवं तीन महिलाओं ने भागीदारी की।
आज 21 अप्रैल 2022 को कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली में पूर्व प्रशिक्षित कृषकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ यू. एस. गौतम, निदेशक, अटारी कानपुर थे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य, कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा जनपद बरेली में संचालित विभिन्न प्रसार कार्यों जैसे कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, मौन पालन, मशरूम उत्पादन,गृह विज्ञान आदि क्षेत्रो के लाभान्वित कृषकों द्वारा नवाचार के साथ विभिन्न उद्यमिता विकास के कार्य प्रारंभ करने तथा ग्राम स्तर पर रहकर ही स्वरोजगार प्राप्त कराना वाले कृषकों/उद्यमियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं को जानना, उन समस्याओं के निराकरण हेतु सुझाव देना तथा कार्य करना था । अपने स्वागत संबोधन में कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ बृजपाल सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित निदेशक, अटारी का स्वागत एवं अभिनंदन किया। आपने उपस्थित कृषकों का भी स्वागत संबोधन किया एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित विभिन्न प्रसार कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों ने एक-एक करके अपना परिचय दिया व अपने-अपने क्षेत्रों मंं किए गए कार्यों का विस्तार से वर्णन किया एवं कृषि पशुपालन क्षेत्र में आने वाली समस्याओं से निदेशक महोदय को अवगत कराया।सभी सफल कृषकों के अनुभव एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी से प्रसन्नता जाहिर करते हुए निदेशक अटारी द्वाराकृषकों को बहुमूल्य सुझाव दिए। जिससे वह विभिन्न उत्पादों में आने वाली विपणन सम्बन्धी समस्या, मूल्य संवर्धन,ग्रेडिंग,पैकेजिंग, ब्रांडिंगकर तथा गुणवत्ता बनाए रखते हुये बाजार में अपनी साख बनाने की सलाह दी। उन्होंने फार्म प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाकर कार्य करते हुये बाजार विकसित करने पर विशेष ज़ोर दिया। उन्होंने उपस्थित कृषकों/उद्यमियों को विश्वास दिलाया कि इस सम्बन्ध में कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली तथा अटारी कानपुर किसी भी प्रकार का सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर है। आज के इस कार्यक्रम में कृषकों द्वारा विभिन्न कृषि उत्पाद जैसे शहद, मौन पराग, गोबर-गौ-मूत्र से तैयार बायो-डायनामिक माला,मोमबत्ती, गोबर से तैयार दीये, गाय का गोबर, गौमूत्र के अन्य उत्पाद, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, सब्जियों की पौध आदि भी निदेशक महोदय के समक्ष प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ श्री रंजीत सिंह ने किया एवं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने सभी आगंतुको को धन्यवाद ज्ञापन श्री राकेश पांडे विषय विशेषज्ञ फसल विज्ञान ने दिया।कार्यशाला के आयोजन से पूर्व निदेशक, अटारी ने मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशाला, गृह विज्ञान प्रयोगशाला, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशिक्षण कक्ष तथा अनुदेशात्मक फार्म का भी भ्रमण कर कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम में बरेली जनपद के सभी विकास खण्डों से नव-विकसित 30 कृषकों/उद्यमियों तथा 5 महिला कृषकों/उद्यमियों ने कार्यशाला में भागीदारी की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, आईवीआरआई, इज़्ज़तनगर, बरेली द्वारा राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र, बरेली के सहयोग से दिनांक 24-03-2022 से 26-03-2022 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में हुआ ।इस प्रशिक्षण मे भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिको/विशेषज्ञों द्वारा कृषकों/महिला कृषकों को दुग्ध उत्पाद संबंधी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान दुग्ध प्रसंस्करण (milk- processing) उत्पादों के बारे में विस्तारपूर्वक कृषकों का ज्ञानोपार्जन किया । कार्यक्रम का उदघाटन श्री तेजवंत सिंह, परियोजना निदेशक एव डॉ. पूजा, उप-निदेशक (उद्यान), बरेली मण्डल ने किया। कार्यक्रम में डॉ. बृजपाल सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानो को इस योजना से होने वाले महत्व तथा लाभ के बारे मे किसानो को अवगत कराया । तदैव डॉ. गीता चौहान, प्रधान-वैज्ञानिक, पशुधन उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी ने कृषकों को देश में डेयरी उद्योग, दूध प्रसंस्करण की आवश्यकता, संरचना, एवं दुग्ध के पोषण मूल्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी । इसी विभाग से आए डॉ. राजीव रंजन, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने पनीर, फ्लेवरड दूध बनाने की विधि तथा पैकिंग की विधि के बारे में बताया । डॉ. देवेंद्र कुमार, वैज्ञानिक, पशुधन उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी ने चीज प्रसंस्करण की जानकारी कृषकों को साझा की । डॉ. सागर चन्द्र, वैज्ञानिक, पशुधन उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी ने चिलिंग, पाश्च्युरीकरण, क्रीम सेपरेशन एवं प्रोसेसिंग एवं वैल्यू एडिशन ऑफ मिल्क के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी । कृषि विज्ञान केन्द्र के श्री दुर्गा दत्त शर्मा, सहा. मु.तक.अधि. ने मत्स्य एवं दुग्ध प्रसंस्करण के बारे में कृषकों को जानकारी प्रदान की । श्री एस. पी. सिंह, मुख्य प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा, श्री अभिषेक पाठक एवं श्री सुधीर पाठक, चार्टेड एकाउंटेंट ने भी परियोजना सम्बन्धी वित्तीय अनुदान, बैंक की कार्यप्रणाली सम्बन्धी जानकारी कृषकों को जानकारी दी । कार्यक्रम का समापन श्री रमेश चन्द्र, प्रधानाचार्य, राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र, बरेली ने किया । कार्यक्रम में 24 पुरुष एव 06 महिला कृषकों ने उपस्थिती दर्ज की ।
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा युवाओं हेतु बकरी पालन विषय पर क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, बरेली द्वारा मत्स्य, पशु पालनएवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की परियोजना “ लाभकारी डेयरी फार्मिंग और पशुधन प्रबंधन” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों का क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत “बकरी पालन” विषय पर दिनांक 13 मार्च 2022 से 15 मार्च 2022 तक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ कर डॉ. बी पी सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र ने बताया की बकरी एक बहुउपयोगी पशु है जिससे मांस के अलावा दूध, खाल एवं खाद का उत्पादन प्राप्त किया जाता है। उन्होंने साधनोें के अभाव मंे छोटे , सीमांत कृषक एवं ग्रामीण युवा दुधारू पशुओं के बजाय कम लागत में बकरी पालन अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते है तथा स्वरोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकते है। उन्होंने यह भी बताया की कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रगतिशील किसानांे, उद्यमियों, शिक्षित बेरोजगार युवाओं को व्यावसायिक बकरी पालन के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मे संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बकरियों की प्रमुख नस्लों एवं उच्च गुणों वाली बकरी का चुनाव, कम लागत मे बकरी हेतु आवास का निर्माण, बकरियों मे प्रजनन प्रबंधन, बकरी की विभिन्न शारीरिक अवस्थाओ पर पोषण प्रबंधन, मादा बकरियों की प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, मेमनों की देखभाल, बकरियांे के प्रमुख रोग एवं निदान, बकरी फार्म पर रखे जाने वाले आवश्यक रिकॉर्ड और बकरी पालन को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई । प्रशिक्षणार्थियों ने वैज्ञानिकों के साथ बकरी पालन से संबंधित समस्याओं पर भी विस्तृत चर्चा की तथा उनका समाधान भी जाना। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषको ने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फार्म का भ्रमण कर कृषि से जुड़ी नई तकनीकियों की भी जानकारी ली। इस प्रशिक्षण में केन्द्रिय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम मथूरा के वैज्ञानिकों डा. अनुपम कृष्ण दीक्षित एवं डा. मनोज कुमार सिंह द्वारा भी व्याखान दिये गये, जिनकों प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सराहना की गई । समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. महेश चन्द्र विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा द्वारा की गयी, उन्होंने बताया कि बकरी पालन मुख्यतः महिलाओं द्वारा परिवार के जीविकापार्जन हेतु किया जाता है तथा आज के परिवेश में युवाओं द्वारा भी बकरी पालन व्यवसाय में काफी रूचि ली जा रही है जो बकरी पालन के अत्यधिक लाभ को इंगित करता है। प्रशिक्षण के समापन समारोह में प्रशिक्षणार्थियों का फीडबैक भी लिया गया जाना और उन्हे आगे भी कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की सलाह दी। कार्यक्रम मे प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व तथा प्रशिक्षण उपरांत भी मूल्यांकन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के बरेली, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, गााजियाबाद , मुरादाबाद, बदॉयू आदि जनपदों के 52 कृषको एवं युवाओ (51 पुरुष और एक महिला) ने सहभागिता दर्ज की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेलीद्वारा“शूकर पालनउद्यमिता विकास” पर चार दिवसीयप्रशिक्षणकार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र,बरेली, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा “शूकर पालन उद्यमिता विकास”विषयपर दिनांक 30अगस्त 2022 से 02 सितंबर 2022 तकप्रशिक्षण कार्यक्रमका आयोजनकिया गया । चार दिवसीय कार्यक्रम के आरंभ मे डॉ.बृज पाल सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र ने अपने संभोधन मे बताया किबीते तीन दशको से कृषि विज्ञान केंद्र बरेली प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग प्रदान कर कृषको एवं युवाओ को शूकर पालन अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप आज बरेली जनपद मे कृषक एवं युवा सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर शूकर पालन मे रोजगार के अवसर तलाश रहे हैं। आपने , कृषि विज्ञान केन्द्र, से प्रेरणा प्राप्त कर सफलतापूर्वक शूकर पालन कर रहे कृषको की चर्चा कर उनके व्यावसायिक मॉडल की जानकारी दी। चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषको व युवाओं को शूकरों की विभिन्न नस्ले एवं वैज्ञानिक प्रबंधन, आवास प्रबंधन,चयन एवं प्रजनन प्रबंधन,शूकरों का रख रखाव,कम लागत मे संतुलित आहार बनाने की विधि, विभिन्न अवस्थाओ मे पोषण प्रबंधन, रोगो का नियंत्रण एवं रोकथाम, आंतरिक एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण, शूकरो मे प्रजनन की समस्या तथा निदान, शूकर फार्म का दैनिक प्रबंधन, शूकर फार्म मे जैव सुरक्षा, शूकर फार्म मे रखे जाने वाले रिकॉर्ड, शूकर फार्म का आर्थिक मूल्यांकन, माँस उत्पादन एवं प्रसंस्करण तथा शूकर पालन प्रोत्साहन हेतु सरकारी योजनाओ के माध्यम से वित्तीय सहयोग के बारे मे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के विभिन्न विभागों के वैज्ञानिकों नेव्याख्यान द्वारा जानकारी प्रदान की और कृषको के साथ उनकी समस्याओ पर चर्चा की। कार्यक्रम मेकृषको के प्रोत्साहन हेतु कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े सफल कृषको की कहानी भी चलचित्र के माध्यम से दिखाई गई और कृषि विज्ञान केंद्र के प्रदर्शन फार्म तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान केसंग्रहालय, कृषि प्रौद्योगिकीसूचना केन्द्र का भ्रमण कराकर प्रतिभागियो को आवश्यक व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम के समापन समारोह मे डॉ. महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक (प्रसारशिक्षा) उपस्थित रहे। उन्होने अपने संबोधन में प्रतिभागियो का उत्साहवर्धन किया और संस्थान द्वारा शूकर पालन प्रोत्साहन हेतु किये जा रहे प्रयासो की जानकारी दी। आपने उदाहरण देकर बताया की शूकर पालन संबन्धित नवीन प्रौद्योगिकियोंके उपयोगसे शूकर पालन और भी आसान हुआ है और शूकर उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है, यही नहीं उत्पादन लागत कम होने से आय मे भी बढ़ोतरी होती है।उन्होने प्रतिभागियों को आगे भी नवीन तकनीकी जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े रहने की सलाह दी और प्रतिभागियों से प्रशिक्षण प्रतिक्रिया प्राप्त कर प्रमाण पत्र वितरित किए । कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्व एवं पश्चात मूलयांकन भी किया गया। कार्यक्रम मे प्रदेश के बरेली, पीलीभीत, मथुरा,मुरादाबाद,कासगंज जनपद से आए 45 कृषको ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज की।इस प्रशिक्षण कार्यक्रमके कोर्डिनेटर डा. शार्दुल विक्रम लाल थे।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा कृषकों हेतु फसल अवशेष प्रबन्धन विषय पर एक कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डा0 महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) ने समस्या की व्यापकता एवं गम्भीरता को देखते हुये अवगत कराया कि फसल अवशेषों को जलाने से सिर्फ कृषि में ही नहीं बल्कि पर्यावरण, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यटन आदि बहुत से क्षेत्रों में अनेक समस्यायें आती हैं। आपने इसके प्रबंधन कर उपयोगी खाद का बनाने का सुझाव दिया। फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले नुकसानों की रोकथाम एवं खेत में ही फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु भारत सरकार ने एक कार्य योजना तैयार की है। जिसमें कृषि मशीनीकरण जैसे हैप्पीसीडर, धान, पुआल चाॅपर, श्रेडर, मल्चर, श्रबमास्टर, कटर-सह-स्प्रेडर, रिवर्सिबिल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ (मिट्टी पलट हल), जीरो टिल सीड ड्रिल आदि कृषि यंत्रों का फसल प्रबन्धन में अनुप्रयोग किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 23 जनपदों में 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इन यंत्रों की सहायता से फसल अवशेष प्रबन्धन के प्रदर्शन, 750 कृषकों हेतु 5 दिवसीय 30 प्रशिक्षण कार्यक्रम, विज्ञापन, प्रसार साहित्य, किसान मेला, कृषक-वैज्ञानिक वार्तालाप, विद्यालय के छात्रों में जागरूकता, प्रक्षेत्र दिवस, रेडियो एवं दूरदर्शन वार्ता तथा प्रिन्ट मीडिया के सहयोग से इस अभियान को चलाया जायगा। इस अभियान हेतु चयनित 23 जनपदों में से कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली भी है, जिसके माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें। आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी क्रम में फसल अवशेष प्रबन्धन के क्षेत्र में कृषकों में जागरूकता लाने के लिये आयोजित किया गया। डा0 बी0पी0 सिंह, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्र ने कृषकों को धान, गेहॅू, गन्ना उत्पादन में नवीन तकनीकी को इस्तेमाल करने के साथ-साथ इन फसलों से उत्पन्न फसल अवशिष्ट का वैज्ञानिक ढंग करने की सलाह दी। श्री राकेश पाण्डेय, विषय विशेषज्ञ ने सभी आगन्तुक कृषकों को स्वागत किया एवं प्रशिक्षण की रूप रेखा बताईं। आपने विभिन्न कृषि यंत्रों एवं वेस्ट डिकम्पोजर द्वारा फसल अपशिष्ट को खाद एवं मृदा पलवार में बदलने की विधि, कृषि अपशिष्ट के विभिन्न उपयोगों के विषय में जानकारी दी। श्री रंजीत सिंह, विषय विशेषज्ञ ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा जलवायु परिवर्तन के खतरों व आई.पी.एम. तकनीकी से कीट नियंत्रण की सलाह दी। इफ्को, बरेली के प्रतिनिधि ने इस अवसर पर उपस्थित कृषकों को फसल सुरक्षा से संबंधित इफ्को के विभिन्न उत्पादों के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में जनपद के 22 गाॅवों के 30 कृषकों ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा पाॅच दिवसीय (15 जनवरी से 19 जनवरी 2018) डेयरी व्यवसाय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का समापन दिनाॅंक 19 जनवरी को सयुक्त निदेषक, प्रसार षिक्षा की अध्यक्षता में किया गया। इस पाॅच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बरेली जनपद के अतिरिक्त पीलीभीत, बदाॅयु, रामपुर, शहाॅजहापुर, लखीमपुर, कासगंज तथा उत्तराखंड के उद्यमसिंह नगर के युवाओं ने सहभागिता दर्ज की। संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियों, संतुलित आहार का महत्व एवं संतुलित आहार बनाना, पशु स्वास्थ्य प्रबन्धन, पशु आहार, पशुओं के संक्रामक रोग निदान एवं बचाव, वर्षभर हरा चारा उतपादन एवं संरक्षण, आदर्श पशुशाला निर्माण, पशु पुनरूत्पादन समस्यायें एवं समाधान, परजीवी प्रबन्धन, केंचुआ खाद द्वारा अतिरिक्त आय, दुग्ध प्रसंस्करण एवं मूल्य संबर्धन, प्राथमिक पशु चिकित्सा, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन आदि विशयों पर जानकारी दी गई। इसके साथ ही पशुपालकों को एटिक, के0वी0के0 फार्म, बरेली जनपद में स्थित कामधेनु डेयरी का भ्रमण भी कराया गया। इस पाॅच दिवसीय कार्यक्रम में संस्थान के प्रसार शिक्षा विभाग, एटिक, पशु पोषण विभाग, पशु औषधि विभाग, पशुधन उत्पादन एवं प्रबन्धन विभाग, पारजैविकी विभाग, पशु शल्य चिकित्सा विभाग, पशुधन अर्थशास्त्र, एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको एवं विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में बरेली जनपद 21 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दर्ज की।
आज दिनाक 30.11.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र की बागवानी इकाई द्वारा एक दिवसीय वर्षभर मशरूम उत्पादन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बरेली, पीलीभीत व बदायु जनपद के 40 मशरूम उत्पादको ने भाग लिया। इस कार्यशाला में कृषकों को अपनी खेती में आय दोगुनी करने के लिए खेती के साथ मशरूम उत्पादन करने की उन्नत तकनीकियों को बताया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय विशेषज्ञ श्री रंजीत सिंह ने वर्षभर मशरूम उत्पादन के बारे में किसानों को बताया। मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पन्तनगर के सहायक प्राध्यापक डा0 एस0के0 मिश्रा ने मशरूम उत्पादन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के तरीके बतायें। आपने कृषको का आवहन किया कि मशरूम उत्पादको की दिक्कतो को ध्यान मंे रखते हुये आगामी वर्षों में मशरूम का सम्पूर्ण बीज की आवश्यकता पन्तनगर केन्द्र से हो जायेगी। आपने मशरूम की बिक्री व अन्य नये उत्पाद बनाने के बारे में भी कृषको को विधि समझायी। इस कार्यशाला में मशरूम उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगायी गयी। इस प्रदर्शनी में सभी मशरूम उत्पादको ने अपने उत्पाद जैसे सफेद मशरूम के पैकेट, सूखा मशरूम, मशरूम पाउडर, गैनोडर्मा मशरूम पाउडर, मशरूम का अचार आदि को प्रदर्शित किया। इस वर्कशाप के मुख्य अतिथि संस्थान के संयुक्त निदेशक (केडरैड) डा0 वी0के0 गुप्ता ने मशरूम को आने वाले दिनो की जरूरत बताया क्योंकि यह न केवल सब्जी है बल्कि एक औषधी भी है। डा0 महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि आज मशरूम उत्पादन से अधिक लाभ तभी ले सकते है जब तक आप अपने उत्पाद को ब्रांड में नहीं बदल देते, साथ ही इसके विपणन के लिए कृषको को समूह में कार्य करना होगा। डा0 बी0पी0 सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र ने सभी कृषकों का स्वागत करते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र इस तरह के विभिन्न उद्यम करने वाले कृषको को एक मंच प्रदान कर रहा है। श्री रंजीत सिंह ने सभी आगंतुको को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा दिनॉक 13 व 14 नवम्बर, 2017 को लखनऊ मण्डल के 40 प्रगतिशील कृषको का “राज्य स्तरीय अध्ययन भ्रमण दल” कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली व संस्थान भ्रमण पर आया। इस कार्यक्रम में श्री रंजीत सिंह, विषय विशेषज्ञ ने कृषकों को फूल उत्पादन जैसे गेंदा, गुलाब ग्लेडियोलस की खेती के साथ जल संरक्षण तकनीकी के अन्तर्गत ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर सिंचाई की तकनीकियों के बारे में विस्तार से बताया। कृषकों को सब्जी उत्पादन व फसल सुरक्षा उपाय के रूप में आई0पी0एम0 तकनीक व जैविक खेती तकनीक की जानकारी दी गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र, के अध्यक्ष डा0 बी0पी0 सिंह ने भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली की नवीन विकसित तकनीकियों के बारे में व कृषि विज्ञान केन्द्र, के प्रसार कार्यकलापों के बारे में विस्तार से बताया। डा0 महेश चन्द्र विभागाध्यक्ष ने कृषकों को स्वरोजगार हेतु कृषि, पशुपालन आधारित उद्यम स्थापित करने व समूह बनाकर विभिन्न कार्य जैसे उत्पाद बनाना, विपणन आदि करने को प्रेरित किया। आपने कृषको से पशुपालन व्यवसाय में बाजार की माँग को ध्यान में रखते हुये उत्पाद मानक के अनुसार उत्पाद तैयार करने की सलाह दी। श्री मनीष तोमर ने कृषि विविधिकरण प्रणाली के बारे में जानकारी दी। कृषकों को संस्थान के एटिक, कृषि विज्ञान केन्द्र फार्म व संस्थान के डेयरी फार्म का भ्रमण एटिक केन्द्र द्वारा कराया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली की बागवानी इकाई द्वारा दिनॉक 13 व 14 नवम्बर, 2017 को दो दिवसीय सजावटी पौधो की प्रवर्धन तकनीक विशयपर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को सजावटी पौधो की विभिन्न प्रवर्धन तकनीकियों जैसे वीनियर ग्राफ्टिंग, भेंट कलम, कटिंग बनाना, गूटी बनाना, बडिंग, लेयरिंग आदि के साथ आदर्श पौधशाला बनाने तथा बीज बोने की विधि बतायी गयी। डा0 महेश चन्द्र, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा ने कृषक युवाओं को बढ़ते शहरीकरण नये बनने वाले हाईवे किनारे सजावटी पौधों की नर्सरी तैयार कर स्वरोजगार स्थापित करने का आह्वाहन किया। डा0 बी0पी0 सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र ने सजावटी पौधो की पौधशाला निर्माण के लिए शेड नेट, पाली हाउस बनाने की आवश्यकता बतायी ताकि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में पौध को कोई नुकसान न हो। युवाओं को नगला जसी गॉव में गुलाब के पॉली हाउस व फूलों की नर्सरी का भ्रमण कराया गया। श्री रंजीत सिंह, एस0एम0एस0 ने फूलो की खेती, प्रवर्धन तकनीक, फसल सुरक्षा, उत्पाद प्रस्तुतिकरण तथा विपणन आदि के बारे में विस्तार से बताया। प्रतिभागियों को चलचित्र प्रदर्शन द्वारा ग्रीन हाउस निर्माण, पौधशाला प्रबंधन आदि की जानकारी भी दी गयी। इस प्रशिक्षण में 20 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया।
भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली, 26 अगस्त, 2017। आज भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संकल्प से सिद्धि न्यू इंडिया मूवमेंट (2017-2022) कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने उपस्थित किसानों, संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, बरेली के मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी और कृषि अधिकारियों को सन् 2022 तक नये भारत के निर्माण के लिए संकल्प दिलाया। इसमें स्वच्छ, गरीबी मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, आतंकवाद मुक्त, सम्प्रदाय मुक्त एवं जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प दोहराया गया। इस अवसर पर बरेली एवं पड़ोसी जनपदों के कोने-कोने से लगभग 1200 किसानों एवं किसान महिलाओं ने हिस्सा लिया। समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री संतोष कुमार गंगवार जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में काले धन के खिलाफ बहुत मजबूती से कदम उठाया है और 2022 तक सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुना करना तथा सभी को मकान मुहैया कराना है। उन्होंने नीम कोटेड यूरिया की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार के मात्र एक फैसले से आज किसानों को आसानी से यूरिया प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में सरकार गाँवों से शहरों में पलायन को रोकने के लिए भी काम कर रही है। इससे पूर्व समारोह को विशिष्ट अतिथि आँवला लोकसभा क्षेत्र के संासद श्री धर्मेन्द्र कश्यप ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने भारत के आजादी की लड़ाई सन् 1857, भारत छोड़ो आन्दोलन सन् 1942 की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 9 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 से 2022 को किसानों के लिए स्वर्णकाल बनाने का आह्वान किया है। श्री कश्यप ने किसानों की बदहाली की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व के सरकारों के काल में कृषि क्षति का मुआवजा सही किसानों तक नहीं पहुँच पाता था। वर्तमान सरकार द्वारा इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इस अवसर पर बरेली के मंडलायुक्त एवं समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री पी.वी. जगनमोहन ने किसानों के लिए एक नया नारा ”खेती से ख्याति तक“ दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि मंडल के सभी मजरों से कम से कम पाँच स्थानों के खेतों की मिट्टी की जाँच हो ताकि किसान उचित मात्रा और सही माइक्रो न्यूट्रेंट का उपयोग कर खेती का विकास कर सकें। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन आदि भी करें ताकि वे सन् 2022 तक अपनी आय दोगुनी कर सकें। संस्थान निदेशक डा. राजकुमार सिंह ने अपने स्वागत भाषण में किसानों एवं देश के विकास में संस्थान की चर्चा करते हुए कहा कि हम अपने नैदानिकों, रोगरोधी टीकों एवं तकनीकों से सन् 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। संस्थान प्रत्येक दशक में किसी न किसी पशुपालन एवं पशुचिकित्सा की तकनीक का विकास करता रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बरेली के जिलाधिकारी श्री आर. विक्रम सिंह भी समारोह में उपस्थित रहे। मुख्य समारोह के बाद किसानों के लिए गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त किये तथा किसानों के सवालों के उत्तर दिये। अपने धन्यवाद ज्ञापन में प्रसार शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं समारोह के संगठन सचिव डा. महेश चन्द्र ने घोषण़ा की कि आगामी 15 अक्टूबर को ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर संस्थान की महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक समारोह का आयोजन किया जायेगा जिसमें विशेष रूप से महिला किसानों को आमंत्रित किया जायेगा। किसानों एवं किसान महिलाओं को डा. रणवीर सिंह ने संस्थान के विभिन्न विभागों का भ्रमण कराया। इस अवसर पर सह संगठन सचिव एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा. बी.पी. सिंह, सभी संयुक्त निदेशकगण डा. बी.पी. मिश्रा, डा. ए.के. गर्ग, डा. वी.के.गुप्ता एवं डा. त्रिवेणी दत्त, श्री राकेश कुमार, वैज्ञानिकगण डा. ए.के. वर्मा, डा. पुतान सिंह, डा. पुनीत कुमार, डा. ए.के.एस. तोमर, डा. रणवीर सिंह, डा. नीरव कोहरवाल, डा. संजय कुमार एवं विषय विशेषज्ञ डा. रजना गुप्ता, रंजीत सिंह, राकेश पाण्डे, श्री आर.एल. सागर एवं प्रसार निदेशालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का आदि का विशेष सहयोग रहा। समारोह का संचालन निदेशक के वैज्ञानिक सचिव डा. एस.वी.एस. मलिक ने किया। (बी.के. पंवार) यूनिट प्रभारी
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दिनाॅक 6 व 7 अक्टूबरए 2017 को मधुमक्खी पालन विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में ग्रामीण युवाओं एवं कृषको को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मधुमक्खी पालन हेतु उन्नत एवं व्यवहारिक तकनीकियों के विषय में बताया गया। शहद की औषधीय उपयोगिताए न्यूक्लियस मौनवंश तैयार करनाए मौन गृहो को कीटो बीमारियों व प्राकृतिक शत्रुओं से बचानाए बरोआ माईट का नियंत्रण संबंधीए शहद का निष्काशनए घरछूट बकटूट समस्या का निराकरणए मौय पेटिकाओं का एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना इत्यादि जानकारी दी गयी। मौन का निष्कासनए मौन गृहों का लकड़ी से निर्माणए शहद का विपणन आदि जानकारी भी दी गयी। कृषको का प्रयोगात्मक कार्य हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र फार्म के मौनालय का भ्रमण कराया गयाए जहाॅ पर मौन गृहो को खोलनाए रानीए ड्रोन व कमेरी मक्खी की पहचान करायी गयी तथा मौन पेटिकाओ का रखरखाव बताया गया। कृषको शुद्ध व अशुद्ध शहद की पहचान करना भी बताया गया। साथ ही कृषको को प्रगतिशील माॅन पालक जैसे साॅवलिया शरण सिंहए गिरधारीपुरए श्री मुकेश कुमारए घंघोराए बरेली व श्री अहसान अहमद रिछौला ताराचन्द द्वारा भी व्याख्यान आयोजित कराया गया। इन प्रगतिशील कृषको ने मौन पालन के क्षेत्र में अपने.अपने उद्यम से संबंधित अनुभव बताये। इस प्रशिक्षण में कुल 20 कृषको ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा0 बी0पी0 सिंह द्वारा कृषको को समूह में मधुमक्खीपालन करने की सलाह दी गयी।
कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर, बरेली द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम के माध्यम से समग्र स्वच्छता दिवस के अवसर पर दिनाॅक 24.09.2017 को अंग्रीकृत गाॅव फरीदापुर इनायत खाॅ, विकास खण्ड बिथरीचैनपुर, बरेली के प्राइमरी स्कूल के खण्डहर हो चुके शौचालय का जीर्णोद्धार कराने का संकल्प लिया गया है। इसके लिये कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली, ग्राम प्रधान, विद्यालय के अध्यापक मृदा स्वंय सहायता समूह द्वारा आर्थिक सहयोग एवं श्रमदान के द्वारा इस कार्य को सम्पन्न कराया जाना है। इसी क्रम में दिनाॅक 23.09.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी विषय विशेषज्ञों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने जीर्णशीर्ण शौचालय के मलबे को साफ करने का कार्य किया जिससे दिनाॅक 24.09.2017 को शौचालय के निर्माण का कार्य आरम्भ किया जा सके तथा दिनाॅक 24.09.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी सदस्यों, विद्यालय के अध्यापक, ग्राम प्रधान, मृदा स्वंय सहायता समूह के ग्राम प्रभारी आदि द्वारा प्रभारी संयुक्त निदेशक एवं विभागाध्यक्ष (प्रसार शिक्षा) डा0 महेश चन्द्र के नेतृत्व में शौचालय निर्माण के लिये श्रमदान किया। यह शौचालय विद्यालय के बालक एवं बालिकाओं के लिये बनाया जा रहा है जिसमें एक शौचालय, यूरिनेशन की सुविधा दोनों स्थान पर पानी की लाइन, बालिकाओं एवं अध्यापिकाओं के शौचालय में पानी की लाइन, रसोई में पानी की सुविधा, वाटर स्टोरेज टैंक तथा एक पम्प की व्यवस्था की जा रही है। शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दिनाॅक 02.10.2017 को इसे विद्यालय को समर्पित किया जायेगा।
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