News

कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित पाॅच दिवसीय (15 से 19 जनवरी 2018) डेयरी व्यवसाय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा पाॅच दिवसीय (15 जनवरी से 19 जनवरी 2018) डेयरी व्यवसाय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का समापन दिनाॅंक 19 जनवरी को सयुक्त निदेषक, प्रसार षिक्षा की अध्यक्षता में किया गया। इस पाॅच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बरेली जनपद के अतिरिक्त पीलीभीत, बदाॅयु, रामपुर, शहाॅजहापुर, लखीमपुर, कासगंज तथा उत्तराखंड के उद्यमसिंह नगर के युवाओं ने सहभागिता दर्ज की। संस्थान द्वारा विकसित तकनीकियों, संतुलित आहार का महत्व एवं संतुलित आहार बनाना, पशु स्वास्थ्य प्रबन्धन, पशु आहार, पशुओं के संक्रामक रोग निदान एवं बचाव, वर्षभर हरा चारा उतपादन एवं संरक्षण, आदर्श पशुशाला निर्माण, पशु पुनरूत्पादन समस्यायें एवं समाधान, परजीवी प्रबन्धन, केंचुआ खाद द्वारा अतिरिक्त आय, दुग्ध प्रसंस्करण एवं मूल्य संबर्धन, प्राथमिक पशु चिकित्सा, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन आदि विशयों पर जानकारी दी गई। इसके साथ ही पशुपालकों को एटिक, के0वी0के0 फार्म, बरेली जनपद में स्थित कामधेनु डेयरी का भ्रमण भी कराया गया। इस पाॅच दिवसीय कार्यक्रम में संस्थान के प्रसार शिक्षा विभाग, एटिक, पशु पोषण विभाग, पशु औषधि विभाग, पशुधन उत्पादन एवं प्रबन्धन विभाग, पारजैविकी विभाग, पशु शल्य चिकित्सा विभाग, पशुधन अर्थशास्त्र, एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको एवं विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में बरेली जनपद 21 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दर्ज की।


Farmers workshop on round the year production of Mushroom" Organized by KVK -IVRI

कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा वर्षभर मशरूम उत्पादन पर कार्यशाला का आयोजन

आज दिनाक 30.11.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र की बागवानी इकाई द्वारा एक दिवसीय वर्षभर मशरूम उत्पादन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बरेली, पीलीभीत व बदायु जनपद के 40 मशरूम उत्पादको ने भाग लिया। इस कार्यशाला में कृषकों को अपनी खेती में आय दोगुनी करने के लिए खेती के साथ मशरूम उत्पादन करने की उन्नत तकनीकियों को बताया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय विशेषज्ञ श्री रंजीत सिंह ने वर्षभर मशरूम उत्पादन के बारे में किसानों को बताया। मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पन्तनगर के सहायक प्राध्यापक डा0 एस0के0 मिश्रा ने मशरूम उत्पादन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के तरीके बतायें। आपने कृषको का आवहन किया कि मशरूम उत्पादको की दिक्कतो को ध्यान मंे रखते हुये आगामी वर्षों में मशरूम का सम्पूर्ण बीज की आवश्यकता पन्तनगर केन्द्र से हो जायेगी। आपने मशरूम की बिक्री व अन्य नये उत्पाद बनाने के बारे में भी कृषको को विधि समझायी।

इस कार्यशाला में मशरूम उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगायी गयी। इस प्रदर्शनी में सभी मशरूम उत्पादको ने अपने उत्पाद जैसे सफेद मशरूम के पैकेट, सूखा मशरूम, मशरूम पाउडर, गैनोडर्मा मशरूम पाउडर, मशरूम का अचार आदि को प्रदर्शित किया। इस वर्कशाप के मुख्य अतिथि संस्थान के संयुक्त निदेशक (केडरैड) डा0 वी0के0 गुप्ता ने मशरूम को आने वाले दिनो की जरूरत बताया क्योंकि यह न केवल सब्जी है बल्कि एक औषधी भी है। डा0 महेश चन्द्र, संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा ने बताया कि आज मशरूम उत्पादन से अधिक लाभ तभी ले सकते है जब तक आप अपने उत्पाद को ब्रांड में नहीं बदल देते, साथ ही इसके विपणन के लिए कृषको को समूह में कार्य करना

होगा। डा0 बी0पी0 सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र ने सभी कृषकों का स्वागत करते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र इस तरह के विभिन्न उद्यम करने वाले कृषको को एक मंच प्रदान कर रहा है। श्री रंजीत सिंह ने सभी आगंतुको को धन्यवाद ज्ञापित किया।


कृषि विभाग उत्तर प्रदेश के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कानपुर मण्डल के कृषकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं भ्रमण

कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली द्वारा दिनॉक 13 व 14 नवम्बर, 2017 को लखनऊ मण्डल के 40 प्रगतिशील कृषको का “राज्य स्तरीय अध्ययन भ्रमण दल” कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली व संस्थान भ्रमण पर आया। इस कार्यक्रम में श्री रंजीत सिंह, विषय विशेषज्ञ ने कृषकों को फूल उत्पादन जैसे गेंदा, गुलाब ग्लेडियोलस की खेती के साथ जल संरक्षण तकनीकी के अन्तर्गत ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर सिंचाई की तकनीकियों के बारे में विस्तार से बताया। कृषकों को सब्जी उत्पादन व फसल सुरक्षा उपाय के रूप में आई0पी0एम0 तकनीक व जैविक खेती तकनीक की जानकारी दी गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र, के अध्यक्ष डा0 बी0पी0 सिंह ने भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली की नवीन विकसित तकनीकियों के बारे में व कृषि विज्ञान केन्द्र, के प्रसार कार्यकलापों के बारे में विस्तार से बताया। डा0 महेश चन्द्र विभागाध्यक्ष ने कृषकों को स्वरोजगार हेतु कृषि, पशुपालन आधारित उद्यम स्थापित करने व समूह बनाकर विभिन्न कार्य जैसे उत्पाद बनाना, विपणन आदि करने को प्रेरित किया। आपने कृषको से पशुपालन व्यवसाय में बाजार की माँग को ध्यान में रखते हुये उत्पाद मानक के अनुसार उत्पाद तैयार करने की सलाह दी। श्री मनीष तोमर ने कृषि विविधिकरण प्रणाली के बारे में जानकारी दी। कृषकों को संस्थान के एटिक, कृषि विज्ञान केन्द्र फार्म व संस्थान के डेयरी फार्म का भ्रमण एटिक केन्द्र द्वारा कराया गया।


सजावटी पौधों की प्रवर्धन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन

कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली की बागवानी इकाई द्वारा दिनॉक 13 व 14 नवम्बर, 2017 को दो दिवसीय सजावटी पौधो की प्रवर्धन तकनीक विशयपर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को सजावटी पौधो की विभिन्न प्रवर्धन तकनीकियों जैसे वीनियर ग्राफ्टिंग, भेंट कलम, कटिंग बनाना, गूटी बनाना, बडिंग, लेयरिंग आदि के साथ आदर्श पौधशाला बनाने तथा बीज बोने की विधि बतायी गयी। डा0 महेश चन्द्र, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा ने कृषक युवाओं को बढ़ते शहरीकरण नये बनने वाले हाईवे किनारे सजावटी पौधों की नर्सरी तैयार कर स्वरोजगार स्थापित करने का आह्वाहन किया। डा0 बी0पी0 सिंह, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र ने सजावटी पौधो की पौधशाला निर्माण के लिए शेड नेट, पाली हाउस बनाने की आवश्यकता बतायी ताकि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में पौध को कोई नुकसान न हो। युवाओं को नगला जसी गॉव में गुलाब के पॉली हाउस व फूलों की नर्सरी का भ्रमण कराया गया। श्री रंजीत सिंह, एस0एम0एस0 ने फूलो की खेती, प्रवर्धन तकनीक, फसल सुरक्षा, उत्पाद प्रस्तुतिकरण तथा विपणन आदि के बारे में विस्तार से बताया। प्रतिभागियों को चलचित्र प्रदर्शन द्वारा ग्रीन हाउस निर्माण, पौधशाला प्रबंधन आदि की जानकारी भी दी गयी। इस प्रशिक्षण में 20 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया।


भाकृअनुप-भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान

बरेली, 26 अगस्त, 2017। आज भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संकल्प से सिद्धि न्यू इंडिया मूवमेंट (2017-2022) कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने उपस्थित किसानों, संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, बरेली के मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी और कृषि अधिकारियों को सन् 2022 तक नये भारत के निर्माण के लिए संकल्प दिलाया। इसमें स्वच्छ, गरीबी मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, आतंकवाद मुक्त, सम्प्रदाय मुक्त एवं जातिवाद मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प दोहराया गया। इस अवसर पर बरेली एवं पड़ोसी जनपदों के कोने-कोने से लगभग 1200 किसानों एवं किसान महिलाओं ने हिस्सा लिया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री संतोष कुमार गंगवार जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में काले धन के खिलाफ बहुत मजबूती से कदम उठाया है और 2022 तक सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुना करना तथा सभी को मकान मुहैया कराना है। उन्होंने नीम कोटेड यूरिया की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार के मात्र एक फैसले से आज किसानों को आसानी से यूरिया प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में सरकार गाँवों से शहरों में पलायन को रोकने के लिए भी काम कर रही है।

इससे पूर्व समारोह को विशिष्ट अतिथि आँवला लोकसभा क्षेत्र के संासद श्री धर्मेन्द्र कश्यप ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने भारत के आजादी की लड़ाई सन् 1857, भारत छोड़ो आन्दोलन सन् 1942 की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 9 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 से 2022 को किसानों के लिए स्वर्णकाल बनाने का आह्वान किया है। श्री कश्यप ने किसानों की बदहाली की चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व के सरकारों के काल में कृषि क्षति का मुआवजा सही किसानों तक नहीं पहुँच पाता था। वर्तमान सरकार द्वारा इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।

इस अवसर पर बरेली के मंडलायुक्त एवं समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री पी.वी. जगनमोहन ने किसानों के लिए एक नया नारा ”खेती से ख्याति तक“ दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि मंडल के सभी मजरों से कम से कम पाँच स्थानों के खेतों की मिट्टी की जाँच हो ताकि किसान उचित मात्रा और सही माइक्रो न्यूट्रेंट का उपयोग कर खेती का विकास कर सकें। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन आदि भी करें ताकि वे सन् 2022 तक अपनी आय दोगुनी कर सकें।

संस्थान निदेशक डा. राजकुमार सिंह ने अपने स्वागत भाषण में किसानों एवं देश के विकास में संस्थान की चर्चा करते हुए कहा कि हम अपने नैदानिकों, रोगरोधी टीकों एवं तकनीकों से सन् 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। संस्थान प्रत्येक दशक में किसी न किसी पशुपालन एवं पशुचिकित्सा की तकनीक का विकास करता रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में बरेली के जिलाधिकारी श्री आर. विक्रम सिंह भी समारोह में उपस्थित रहे।

मुख्य समारोह के बाद किसानों के लिए गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त किये तथा किसानों के सवालों के उत्तर दिये। अपने धन्यवाद ज्ञापन में प्रसार शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं समारोह के संगठन सचिव डा. महेश चन्द्र ने घोषण़ा की कि आगामी 15 अक्टूबर को ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर संस्थान की महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक समारोह का आयोजन किया जायेगा जिसमें विशेष रूप से महिला किसानों को आमंत्रित किया जायेगा। किसानों एवं किसान महिलाओं को डा. रणवीर सिंह ने संस्थान के विभिन्न विभागों का भ्रमण कराया। इस अवसर पर सह संगठन सचिव एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा. बी.पी. सिंह, सभी संयुक्त निदेशकगण डा. बी.पी. मिश्रा, डा. ए.के. गर्ग, डा. वी.के.गुप्ता एवं डा. त्रिवेणी दत्त, श्री राकेश कुमार, वैज्ञानिकगण डा. ए.के. वर्मा, डा. पुतान सिंह, डा. पुनीत कुमार, डा. ए.के.एस. तोमर, डा. रणवीर सिंह, डा. नीरव कोहरवाल, डा. संजय कुमार एवं विषय विशेषज्ञ डा. रजना गुप्ता, रंजीत सिंह, राकेश पाण्डे, श्री आर.एल. सागर एवं प्रसार निदेशालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का आदि का विशेष सहयोग रहा। समारोह का संचालन निदेशक के वैज्ञानिक सचिव डा. एस.वी.एस. मलिक ने किया।

(बी.के. पंवार)
यूनिट प्रभारी


कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मधुमक्खी पालन विषय पर प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दिनाॅक 6 व 7 अक्टूबरए 2017 को मधुमक्खी पालन विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में ग्रामीण युवाओं एवं कृषको को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मधुमक्खी पालन हेतु उन्नत एवं व्यवहारिक तकनीकियों के विषय में बताया गया। शहद की औषधीय उपयोगिताए न्यूक्लियस मौनवंश तैयार करनाए मौन गृहो को कीटो बीमारियों व प्राकृतिक शत्रुओं से बचानाए बरोआ माईट का नियंत्रण संबंधीए शहद का निष्काशनए घरछूट बकटूट समस्या का निराकरणए मौय पेटिकाओं का एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना इत्यादि जानकारी दी गयी। मौन का निष्कासनए मौन गृहों का लकड़ी से निर्माणए शहद का विपणन आदि जानकारी भी दी गयी। कृषको का प्रयोगात्मक कार्य हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र फार्म के मौनालय का भ्रमण कराया गयाए जहाॅ पर मौन गृहो को खोलनाए रानीए ड्रोन व कमेरी मक्खी की पहचान करायी गयी तथा मौन पेटिकाओ का रखरखाव बताया गया। कृषको शुद्ध व अशुद्ध शहद की पहचान करना भी बताया गया। साथ ही कृषको को प्रगतिशील माॅन पालक जैसे साॅवलिया शरण सिंहए गिरधारीपुरए श्री मुकेश कुमारए घंघोराए बरेली व श्री अहसान अहमद रिछौला ताराचन्द द्वारा भी व्याख्यान आयोजित कराया गया। इन प्रगतिशील कृषको ने मौन पालन के क्षेत्र में अपने.अपने उद्यम से संबंधित अनुभव बताये। इस प्रशिक्षण में कुल 20 कृषको ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा0 बी0पी0 सिंह द्वारा कृषको को समूह में मधुमक्खीपालन करने की सलाह दी गयी।



Swachhata Se Sewa (24.09.2017)

कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर, बरेली द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत “स्वच्छता ही सेवा” कार्यक्रम के माध्यम से समग्र स्वच्छता दिवस के अवसर पर दिनाॅक 24.09.2017 को अंग्रीकृत गाॅव फरीदापुर इनायत खाॅ, विकास खण्ड बिथरीचैनपुर, बरेली के प्राइमरी स्कूल के खण्डहर हो चुके शौचालय का जीर्णोद्धार कराने का संकल्प लिया गया है। इसके लिये कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली, ग्राम प्रधान, विद्यालय के अध्यापक मृदा स्वंय सहायता समूह द्वारा आर्थिक सहयोग एवं श्रमदान के द्वारा इस कार्य को सम्पन्न कराया जाना है। इसी क्रम में दिनाॅक 23.09.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी विषय विशेषज्ञों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने जीर्णशीर्ण शौचालय के मलबे को साफ करने का कार्य किया जिससे दिनाॅक 24.09.2017 को शौचालय के निर्माण का कार्य आरम्भ किया जा सके तथा दिनाॅक 24.09.2017 को कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी सदस्यों, विद्यालय के अध्यापक, ग्राम प्रधान, मृदा स्वंय सहायता समूह के ग्राम प्रभारी आदि द्वारा प्रभारी संयुक्त निदेशक एवं विभागाध्यक्ष (प्रसार शिक्षा) डा0 महेश चन्द्र के नेतृत्व में शौचालय निर्माण के लिये श्रमदान किया। यह शौचालय विद्यालय के बालक एवं बालिकाओं के लिये बनाया जा रहा है जिसमें एक शौचालय, यूरिनेशन की सुविधा दोनों स्थान पर पानी की लाइन, बालिकाओं एवं अध्यापिकाओं के शौचालय में पानी की लाइन, रसोई में पानी की सुविधा, वाटर स्टोरेज टैंक तथा एक पम्प की व्यवस्था की जा रही है। शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दिनाॅक 02.10.2017 को इसे विद्यालय को समर्पित किया जायेगा।